नयी दिल्ली, 9 जनवरी। शीर्ष अर्थशास्त्रियों का मानना है कि उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले पेश होने वाले केंद्रीय बजट 2022 के लोकलुभावन रहने की उम्मीद नहीं है।
एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने कहा, “मुझे इस बार के आमबजट के लोकलुभावन रहने की कोई उम्मीद नहीं दिखती है। केंद्र सरकार काफी अच्छे वित्तीय सिद्धांतों का पालन कर रही है और केवल कुछ राज्यों में चुनाव होने के कारण वह इन सिद्धांतों की पटरी से उतर जाएगी ऐसा मुझे नहीं लगता।”
केंद्र ने लोगों को सीधे नकद हस्तांतरण करने के अर्थशास्त्रियों और विपक्षी नेताओं सहित विभिन्न क्षेत्रों के दबाव को सफलतापूर्वक दूर करने में कामयाबी हासिल की है। इसके बजाय उसने रोजगार के सृजन और अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया है। हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि राजस्व उछाल के परिणामस्वरूप सरकार की वित्तीय स्थिति में भी काफी सुधार हुआ है।
देश का सकल राजकोषीय घाटा पिछले वर्ष नवंबर के अंत में वित्त वर्ष 22 के बजट अनुमान के 46.2 प्रतिशत पर आ गया है। वास्तविक रूप से घाटा वित्त वर्ष 2012 की अप्रैल-दिसंबर की अवधि में 15.06 लाख करोड़ रुपये के वार्षिक अनुमान के मुकाबले 6.95 लाख करोड़ रुपये था।
वरिष्ठ अर्थशास्त्री एवं अम्बेडकर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स विश्वविद्यालय के कुलपति एन. आर. भानूमूर्ति ने कहा, “सबसे कठिन समय में भी सरकार ने सबसे व्यावहारिक रुख अपनाया। मुझे नहीं लगता कि सरकार इससे विचलित होगी।” हालांकि उन्होंने कहा कि बजट में राज्य विशेष के लिए घोषणाएं हो सकती हैं।
यह ध्यान देने योग्य है कि कोरोना की दूसरी लहर के चरम के दौरान विपक्षी दलों के कई नेता चाहते थे कि सरकार लोगों को नकद हस्तांतरण करे लेकिन उनकी सलाह पर ध्यान नहीं दिया गया। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी सरकार से पैसे उधार लेने या प्रिंट करने की सलाह दी थी।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के वरिष्ठ अर्थशास्त्री सुवोदीप रक्षित ने यूनीवार्ता से कहा, “मुझे नहीं लगता कि केंद्रीय बजट राज्य के बजट को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा। जहां तक आवंटन और आर्थिक नीतियों का संबंध है तो सामाजिक कार्यक्रमों पर सरकार का फोकस अवश्य रहेगा।”
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने शनिवार को पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में 10 फरवरी से शुरू होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की। केंद्रीय बजट 01 फरवरी को पेश किए जाने की उम्मीद है।
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