कम स्पीड पर कार के स्टीयरिंग का लाइट होना और तेज स्पीड पर हार्ड हो जाना या वेट गेन कर लेना अच्छा माना जाता है. लेकिन, क्या आपने कभी यह सोचा कि आखिर तेज स्पीड पर कार स्टीयरिंग हार्ड क्यों हो जाता है और आखिर क्यों इसे अच्छा मानते हैं, क्या इसका आपकी ड्राइविंग और सेफ्टी से कोई कनेक्शन है या नहीं? चलिए, समझते हैं.जब कार को बनाया जाता है, तभी इस बात का ध्यान रखा जाता है कि हाई स्पीड होने पर कार का स्टीयरिंग थोड़ा सा वेट गेन (वजन आना या हार्ड होना) कर ले ताकि कार को ज्यादा स्टेबल रखा जा सके और उसपर ड्राइवर का अच्छा कंट्रोल रहे. दरअसल, जब आप हाई स्पीड पर होते हैं तो स्टीयरिंग का थोड़ा सा मूवमेंट भी कार की मूविंग डायरेक्शन पर बड़ा असर डाल सकता है.
ऐसे में अगर हाई स्पीड पर भी स्टीयरिंग लाइट्स वेट रहेगा तो वह थोड़ा-थोड़ा शेक कर सकता है, जिससे कार अनस्टेबल हो सकती है और उसपर आपका कंट्रोल कम हो सकता है. यह हादसे का कारण भी बन सकता है. यानी, स्टीयरिंग की ऐसी ट्यूनिंग हाई स्पीड पर सेफ्टी भी बढ़ाती है.
अगर आपने नोटिस किया हो तो जिन कारों में ड्राइविंग मोड्स आते हैं, उनमें जैसे ही आप परफॉर्मेंस-स्पेसिफिक मोड (स्पोर्ट्स मोड आदि) लगते हैं वैसे ही स्टीयरिंग वेट गेन कर लेता है. इसके अलावा आप नोटिस करेंगे कि जो भी परफॉर्मेस ओरिएंटेड कारें होती हैं, उनमें स्टीयरिंग व्हील थोड़ा हार्ड ही होता है.कुल मिलाकर हाई स्पीड पर स्टीयरिंग हार्ड होना सेफ्टी और स्टेबिलिटी के लिए जरूरी है.
