वर्षों से ब्लेक बोर्ड में लिखी जाती हैं कविताएँ
रिपोर्टर//जितेश्वर साहू tv 36 हिन्दुस्तान
मुंगेली//आमजन को साहित्य (कविता) से जोड़ने की अनोखी पहल करने वाले राकेश गुप्त “निर्मल” मनेन्द्रगढ़़ में हुए सम्मानित।मुंगेली में विगत 20 वर्षों से “कविता चौराहे पर” के माध्यम से जन-जन तक कविता को पहुंचाने में संलग्न साहित्यकार राकेश गुप्त “निर्मल” के आतिथ्य में सम्मान समारोह एवं परिचय गोष्ठी मनेन्द्रगढ़ की साहित्यिक संस्था वनमाली सृजन केंद्र कोरिया तथा संबोधन साहित्य एवं कला संस्थान द्वारा आयोजन किया गया। कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार श्री गंगा प्रसाद मिश्र तथा संस्था अध्यक्ष बीरेंद्र श्रीवास्तव ने शाल श्रीफल भेंट कर अतिथि कवि श्री निर्मल जी का सम्मान किया राकेश निर्मल ने अपने उद्बोधन में स्वयं के सम्मानित होने पर मनेन्द्रगढ़ के साहित्यकारों को आभार ज्ञापित किया तथा “कविता चौराहे पर” की पहल के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मेरे इस कार्य के पीछे तीन उद्देश्य हैं।पहला आमजन को साहित्य से जोड़ना।दूसरा नवोदित रचनाकार एवं छिपी हुई प्रतिभा को मंच देना एवं तीसरा नगर में साहित्यिक गतिविधि को ऊर्जा देकर जन जागरण करना है। वक्तव्य को आगे बढ़ाते हुए अपने इस कार्य के आरंभ में आई समस्या को साझा किया।वक्तव्य केअंत में मुक्तक व गजल सुना कर अपना साहित्यिक परिचय दिया।जिसे सुनकर उपस्थित श्रोताओं ने करतल ध्वनि से उनका भरपूर समर्थन किया। कार्यक्रम के संयोजक और संचालक बीरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि राकेश जी ने इस बात को साबित कर दिया कि कोई भी कार्य मन लगाकर निरंतर किया जाए तब उसमें सफलता जरूर मिलती है। मुंगेली में प्रत्येक सप्ताह के लिए साहित्यकारों की अग्रिम रचना पहुंचना “कविता चौराहे पर” अभियान की सफलता का प्रतीक है।अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री गंगा प्रसाद मिश्र ने कहा निर्मल जी का यह अभियान किसी भी उत्कृष्ट कविता से बढ़कर है और बिना अंतराल के वर्षों से निरंतरता बनाए रखने के लिए राकेश भाई की जितनी प्रशंसा की जाए कम है।इस अवसर पर उपस्थित रचनाकारों में श्रीमती वर्षा श्रीवास्तव,श्रीमती सुषमा श्रीवास्तव,सतीश द्विवेदी,संतोष जैन,विजय कुमार गुप्ता, नरेंद्र श्रीवास्तव ने भी अपने गीत एवं कविता की प्रस्तुति दी।उपस्थित श्रोताओं ने परिचय एवं सम्मान समारोह आयोजन की मुक्त कंठ से सराहना की।