दुर्ग:- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने एक बार फिर दुर्ग शहर में दबिश दी है. इस बार मोक्षित कॉर्पोरेशन के दुर्ग स्थित 3 आवासीय परिसरों और उनके कार्यालय पर टीम पहुंची है. इस बड़ी कार्रवाई में दो दर्जन से अधिक अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं. छापे की कार्रवाई के दौरान ईडी की टीम के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान भी बड़ी संख्या में सुरक्षा के लिहाज से मौके पर मौजूद हैं.
दुर्ग में ईडी की रेड: ईडी की छापेमारी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड में हुए 650 करोड़ से अधिक के कथित घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है. गौरतलब है कि इस मामले में लगभग छह महीने पहले आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने ज्वाइंट एक्शन के तहत रेड की कार्रवाई की थी.
मोक्षित कॉर्पोरेशन: बताया जा रहा है कि इस बड़े घोटाले के तार मोक्षित कॉर्पोरेशन से जुड़ने के बाद यह केंद्रीय एजेंसियों के रडार पर आ गया है. आज सुबह के वक्त हुई छापे की कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मच गया. पहले तो लोगों को ये समझ में नहीं आया कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में गाड़ियों का काफिला एकाएक कहां से आया.
1 दर्जन गाड़ियों में सवार होकर पहुंची ईडी की टीम: गाड़ियों से उतरते ही ईडी के आधिकारी और कर्मचारी दनदनाते हुए दफ्तर और आवास में घुस गए. ईडी की कार्रवाई की खबर जैसे ही इलाके में फैली बड़ी संख्या में लोग मौके पर पहुंच गए. छापे की कार्रवाई में अभी तक क्या कुछ मिला है इसकी जानकारी सामने नहीं आ पाई है. संभव है कार्रवाई पूरी होने के बाद इस संबंध में जानकारी मुहैया कराई जाए.
क्या जानकारी निकल कर सामने आ रही: जानकारी के अनुसार विधानसभा सत्र में बीजेपी विधायक धरम लाल कौशिक ने प्रदेश में सरकारी दवाई सप्लाई के मामले को सदन में उठाया था. दवाई खरीदी में 660 करोड़ के घोटाले के आरोप लगाए थे. वही प्रदेश के सरकारी दवाई सप्लाई में न जरूरत थी और न ही डिमांड थी. जिसके बाद एसीबी और ईओडब्ल्यू जांच के बाद अब ईडी की टीम इस मामले में जांच कर रही है.
27 जनवरी 2025 को हुई थी इससे पहले कार्रवाई: आपको बता दें इससे पहले मोक्षित कार्पोरेशन पर सोमवार 27 जनवरी 2025 को एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम ने एक साथ गंजपारा में रेड किया था. रेड की ये कार्रवाई गंजपारा स्थित मोक्षित कॉर्पोरेशन और शांतिलाल और शशांक चोपड़ा के घर पर एक साथ हुई थी. उस वक्त भी तीन गाड़ियों में एक दर्जन से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी कार्रवाई के लिए पहुंचे थे. जांच एजेसियों ने तब भी घर और दफ्तर में रखे दस्तावेजों को खंगाला था.