अयोध्या :- सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का महत्व बहुत अधिक माना जाता है. साल के प्रत्येक महीने में अमावस्या तिथि के दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान-दान और पुण्य करते हैं. हिंदू पंचांग के मुताबिक माघ माह में मनाए जाने वाली मौनी अमावस्या का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है. इसे माघ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या इस साल यह 9 फरवरी को मनाई जाएगी.
ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि इस दिन लोग मौन रखते हैं, जिसे मौन व्रत के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि मौनी शब्द का शाब्दिक अर्थ मौन होता है. हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन बिना किसी से बात किए खुद को समझने और नियंत्रण करने का प्रयास करना चाहिए.
मौनी अमावस्या का धार्मिक महत्व
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का महत्व बहुत अधिक होता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान दान का महत्व बताया गया है. इस साल मौनी अमावस्या का पर्व 9 फरवरी को मनाया जाएगा. इस दिन कुछ खास उपाय करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.
मौनी अमावस्या के दिन करें ये उपाय
ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि अगर आप मौनी अमावस्या के दिन दान पुण्य करते हैं तो इसका विशेष महत्व होता है. इस दिन जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाना चाहिए. उन्हें दान करना चाहिए. ऐसा करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस दिन तेल, कंबल, दूध ,चीनी, अनाज तथा अपने आवश्यकता अनुसार पैसों का दान करना चाहिए. इसके अलावा मौनी अमावस्या के दिन पशु-पक्षियों को भोजन करना चाहिए. ऐसा करते श्री पित्र प्रसन्न होते हैं और जीवन में आ रही तमाम समस्याओं से मुक्ति मिलती है.
108 बार करें इस मंत्र का जाप
ज्योतिषी पंडित कल्कि राम के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देना बेहद शुभ माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. मौनी अमावस्या के दिन मंत्र ”ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि, शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्” का जाप 108 बार करें. ऐसा करने से पितृ प्रसन्न रहते हैं. साथ ही जातक के घर से पितृ दोष समाप्त हो जाता है.
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