रायपुर, 19 मार्च। छत्तीसगढ़ सरकार के कैबिनेट मंत्री रविन्द्र चौबे के कथन कि राज्य के किसानों को न्याय योजना की राशि का भुगतान कर्ज लेकर करेंगे। मंत्री के इस वक्तव्य पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कर्मचारी संघ के पूर्व प्रांताध्यक्ष व भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री एवं छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्री रविन्द्र चौबे को अलग अलग ट्यूट कर राज्य में बुजुर्ग पेंशनरों और सेवारत कर्मचारियों को लम्बित महँगाई राहत-भत्ते की जुलाई 19 से बकाया क़िस्त 5%, प्रतिशत राशि के एरियर सहित भुगतान करने हेतु भी तुरन्त कर्जा लेने की मांग की है।
उन्होंने आगे बताया लगातार मीडिया सूत्रों में जारी खबरों के अनुसार केन्द्र सरकार इसी मार्च महीने में ही जुलाई 20 और जनवरी 21 का बकाया महंगाई राहत-भत्ते भुगतान करने जा रही है। जिसके तहत केंद्रीय पेंशनरों एवं कर्मचारियों को कुल 28 से 29% महंगाई राहत -भत्ते केंद्र सरकार देने जा रही है जबकि छत्तीसगढ़ सरकार अभी राज्य में केवल 12%प्रतिशत महंगाई राहत-भत्ते का भुगतान कर रही हैं और बार बार वित्तीय संकट का रोना करती जा रही हैं। इस वित्तीय संकट में भी वर्तमान और पूर्व विधायक, मंत्रियों का वेतन भत्ते लगातार बढ़ा रही हैं,और इसी वित्तीय संकट में राज्य के आईएएस आईपीएस, आईएफएस राज्य सरकार के खजाने से राज्य के पेंशनरों और कर्मचारियों से अधिक महंगाई राहत भत्ते का लाभ दे रही हैं परन्तु पेंशनरों और कर्मचारियों को उनके जायज राशि के भुगतान करने के मामले में सरकार मौन साधे हुये है।
उन्होंने मांग किया है कि छत्तीसगढ़ सरकार तुरन्त बकाया महंगाई राहत-भत्ते को पेंशनरों और कर्मचारियों भुगतान करने कर्जा लेने की कार्यवाही करें अन्यथा राज्य सरकार को पेंशनरों और कर्मचारियों का भारी असंतोष का सामना करना पड़ेगा जो राजनीतिक दृष्टि से भविष्य में भारी पड़ सकता है।
किसानों की भांति राज्य के पेंशनरों और कर्मचारियों के लिये भी कर्ज ले छत्तीसगढ़ सरकार
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