रायपुर:- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शनिवार को देश के पहले एआई आधारित डेटा सेंटर पार्क की आधारशिला रखी, जिसका उद्देश्य रायपुर को “डिजिटल इंडिया की धड़कन” बनाना है. कार्यक्रम में शामिल हुए अधिकारियों ने कहा कि, नवा रायपुर में भारत के डिजिटल लैंडस्केप को फिर से डिफाइन करने के लिए तैयार यह महत्वाकांक्षी परियोजना, देश को वैश्विक डिजिटल पावरहाउस बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा.
डिजिटल इंडिया की धड़कन बनेगा छत्तीसगढ़: अफसरों ने बताया कि AI डेटा सेंटर पार्क पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करके डिजाइन किया गया है और केंद्र हरित और ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों का पालन करेगा.
यह केवल एक डेटा सेंटर नहीं है, यह विकास और सशक्तिकरण के नए युग की डिजिटल रीढ़ है. राज्य के युवाओं, किसानों और आदिवासी समुदायों के लिए परिवर्तनकारी साबित होगा. छत्तीसगढ़ अब डिजिटल इंडिया की धड़कन बन जाएगा.: विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
पहला AI डेटा सेंटर पार्क: इस परियोजना से लगभग 500 प्रत्यक्ष और 1,500 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है, जिसमें स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि रैकबैंक डेटासेंटर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित किए जाने वाले डेटा सेंटर पार्क में विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) के रूप में विकसित 2.7 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल होगा और यह परियोजना पूरी तरह से कृत्रिम बुद्धिमत्ता या एआई-आधारित सेवाओं के लिए समर्पित होगी.
रैकबैंक डेटासेंटर प्राइवेट लिमिटेड: पहला चरण पांच मेगावाट की क्षमता के साथ शुरू होगा और इसे 150 मेगावाट तक विस्तारित करने की योजना है. भविष्य में लगभग 2,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश होने की उम्मीद है. अधिकारियों ने बताया कि डेटा भंडारण और प्रसंस्करण के अलावा, पार्क एआई, स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी, रक्षा, फिनटेक और डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में उन्नत सेवाएं प्रदान करेगा. इसमें वैश्विक मानकों के जीपीयू-आधारित उच्च-स्तरीय कंप्यूटिंग बुनियादी ढांचा, रिकॉर्डिंग, लाइव डेटा स्ट्रीमिंग और एआई प्रसंस्करण सुविधाएं होंगी.
छत्तीसगढ़ को मिलेगी नई पहचान: यह पहल न केवल छत्तीसगढ़ को तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी के रूप में स्थापित करेगी बल्कि स्थानीय प्रतिभाओं के लिए नए रास्ते भी खोलेगा. GPU आधारित कंप्यूटिंग, AI प्रोसेसिंग, डेटा एनालिटिक्स और लाइव डेटा स्ट्रीमिंग जैसी सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी.
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे: अधिकारियों के अनुसार, डेटा सेंटर पार्क सूचना प्रौद्योगिकी, डेटा एनालिटिक्स और तकनीकी सहायता में हजारों नौकरियों का सृजन करेगा, जिससे स्थानीय युवाओं को दिल्ली या मुंबई जैसे शहरों में जाने की आवश्यकता के बिना प्रौद्योगिकी में अपना करियर बनाने का अवसर मिलेगा. AI तकनीक किसानों को स्मार्ट खेती, सटीक मौसम पूर्वानुमान और फसल प्रबंधन में मदद करेगी, जिससे बेहतर पैदावार और बेहतर आय होगी.
किसानों को होगा फायदा: दूरदराज के आदिवासी क्षेत्रों को शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और सरकारी सेवाओं तक आसान डिजिटल पहुंच प्राप्त होगी. अधिकारियों ने कहा कि पार्क राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय डेटा ट्रैफ़िक को संभालेगा, सरकारी सेवा वितरण में तेजी लाएगा और राज्य को डिजिटल रूप से आत्मनिर्भर बनाएगा.