प्रधान न्यायाधीश ने गुरुवार को सैट के नए परिसर का उद्घाटन किया.इस मौके पर सेबी और सैट दोनों को ही बाजार को लेकर आगाह किया.कहा- बाजार में जितनी तेजी आएगी उतनी ही जिम्मेदारी बढ़ती जाएगी.नई दिल्ली. रिकॉर्ड बनाते शेयर बाजार को देखकर निवेशक भले ही खुश हो रहे हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बाजार को लेकर चिंता में हैं. उन्होंने बाजार नियामक सेबी और अपीलीय न्यायाधिकरण सैट को जरूरी निर्देश भी दिए. सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) के नए परिसर के उद्घाटन मौके पर कहा कि बाजार में आ रहे जबरदस्त उछाल को लेकर सावधान रहने की जरूरत है. यह समय जश्न के साथ ज्यादा सावधानी बरतने का भी है.परिसर का उद्घाटन करने पहुंचे चीफ जस्टिस ने बाजार नियामक सेबी और सैट को शेयर बाजारों में उल्लेखनीय उछाल के बीच सावधानी बरतने की सलाह दी.
उन्होंने अधिक न्यायाधिकरण पीठों की भी वकालत की ताकि इनकी ‘‘स्थिर नींव’’ सुनिश्चित की जा सके. प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने नए प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) परिसर का उद्घाटन करते हुए अधिकारियों से सैट की नई पीठें खोलने पर विचार करने का आग्रह किया, क्योंकि अधिक मात्रा में लेन-देन तथा नए नियमों के कारण कार्यभार बढ़ गया है.ये भी पढ़ें – भारत की जान हैं ये 18 राज्य! इनसे ही मिलता है 90 फीसदी पैसा, रेटिंग एजेंसी ने कहा- इस साल और बढ़ेगी कमाई
?चीफ जस्टिस ने क्यों जताई चिंताबीएसई के 80,000 अंक का आंकड़ा पार करने को उल्लास से भरा क्षण बताने वाली खबरों का हवाला देते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि इस तरह की घटनाएं नियामक प्राधिकरणों के लिए यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल देती हैं कि जीत के बीच हर कोई अपना ‘‘संतुलन व धैर्य’’ बनाए रखे. लिहाजा सेबी और सैट को बाजार पर करीबी नजर गड़ाए रहनी होगी.बढ़ गई सेबी और सैट की भूमिकाप्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘आप शेयर बाजार में जितनी अधिक तेजी देखेंगे, मेरा मानना है कि सेबी तथा सैट की भूमिका उतनी ही अधिक होगी.
ये संस्थान सतर्कता बरतेंगे, सफलताओं का जश्न मनाएंगे लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित करेंगे कि इसकी नींव स्थिर रहे.’ उन्होंने कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और सैट जैसे अपीलीय मंच के स्थिर तथा पूर्वानुमानित निवेश वातावरण को बढ़ावा देने के पीछे उनका ‘अत्यधिक राष्ट्रीय महत्व’ है.
सैट ने निपटाए 6,700 मामलेसैट के पीठासीन अधिकारी न्यायमूर्ति पी. एस. दिनेश कुमार ने कहा कि सैट में 1,028 अपीलें लंबित हैं. साल 1997 में अपनी स्थापना के बाद से इसने 6,700 से अधिक अपीलों का निपटारा किया है. प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र में समय पर कार्रवाई और त्रुटियों को सुधारना बेहद महत्वपूर्ण है. डिजिटल क्षेत्र में प्रगति के साथ न्याय तक पहुंच की अवधारणा पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है.
