छत्तीसगढ़:– जिला मुख्यालय जांजगीर चाम्पा से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अकलतरा विकासखंड में ग्राम कटघरी के शासकीय टसर विस्तार केन्द्र रेशम विभाग के द्वारा शासकीय टसर विस्तार केन्द्र कटघरी अन्तर्गत 65 हेक्टयर वनभूमि में साजा,अर्जुन पौधरोपण कराया गया था। यह बाहुल्य क्षेत्र है। इसी ग्राम के दुर्गेश्वरी स्व सहायता समूह हितग्राही टसर कीट पालन कर अपना स्थिति सुधार कर अच्छा आमदनी प्राप्त कर रहे हैं।
जिससे यहाँ के हितग्राहियों को अच्छा आमदनी तथा उत्पादन भी भारी मात्रा में होता है।ग्रामीणों के उत्थान एवं रोजगार मूलक कार्य हेतु रेशम उत्पादन का कार्य प्रारंभ किया गया है। जिससे जुडकर आज एक अच्छी जिन्दगी जी रहे है।
जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में ग्राम-कटघरी के माँ दुर्गेश्वरी स्व सहायता समूह द्वारा कोसा पालन कार्य किया जा रहा है।
देवकुमारी,अध्यक्ष ने बताया कि वर्तमान में हमारे गांव में कोसा उत्पादन कार्य में सतुष्ट है एवं गरीब परिस्थिति व पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण अपना सपना पूरा नहीं कर पाते थे छोटी-मोटी जरूरतों पर दूसरों के आगे हाथ फैलाना पड़ता था, कृषि भूमि भी कम होने के कारण अनाज का भी उत्पादन ज्यादा नहीं हो पाता था। परन्तु रेशम विभाग से जुड़कर उनकी आर्थिक स्थिति मजबुत हो गई है खेती किसानी के अलावा अतिरिक्त आय अर्जित कर पाते हैं।
बताया कि माँ दुर्गेश्वरी महिला स्वयं सहायता समूह कटघरी वार्षिक आय लगभग 01लाख तक हो जाती है। जिससे अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में शिक्षा दिला रहे तथा अपनी छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा कर पा रही है। उन्होने बताया कि रेशम विभाग अधिकारी द्वारा रोजगार हेतु अथक प्रयास कर उन्नत किस्म के स्व.सहायता समूह प्रदाय करते है।
ताकि हमारी आमदनी अधिक से अधिक हो तथा आर्थिक स्थिति पर सुधार हो सके और जिस प्रकार से विभाग की पहल से हमारे जैसे दूरवर्ती क्षेत्र में बसे लोगों तक शासन का योजना का लाभ पहुंचा रहे हैं निश्चित तौर पर आने वाले पीढ़ियों को रोजगार हेतु किसी अन्यत्र राज्य में पलायन नहीं करना पडे़गा। स्वरोजगार का माध्यम रेशम विभाग से बेहतर कोई नही होगा।
इस वर्ष कोसा उत्पादन का लक्ष्य एक करोड़ दस लाख है, पिछले वर्ष हम 95हजार कोसा उत्पादन किया था,हमारे जिले के अकलतरा जनपद पंचायत रेशम पालन केंद्र के ग्राम कटघरी के जय माँ दुर्गेश्वरी स्व सहायता समूह के महिलाओ कोसा कृमि पालक को अच्छी आमदनी हो सके इसके लिए विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किया जाता है।
इसके लिए अन्य राज्यों से अण्डे मंगाकर वितरण किया गया है। वर्तमान में इस पहल से जिले के सभी कृमि पालकों को अच्छी उन्नत कोसा बीज केंद्र है,और इस वर्ष किसान तीन फ़सल ले रहे है,और आने वाले दिनों पर जांजगीर-चाम्पा जिले में कोसा उत्पादन के क्षेत्र पर एक अलग कृतिमान स्थापित करेगी