रायपुर:– छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 14 सितम्बर 2025 को कांकेर जिले के नरहरपुर में आदिवासी समाज से आयोजित ठाकुर जोहारनी कार्यक्रम में शामिल हुए. इस अवसर पर उनके साथ झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा भी उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री साय ने ठाकुर जोहारनी कार्यक्रम में आदिवासी समाज के इष्ट आराध्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की. उन्होंने कहा कि नई उद्योग नीति में आदिवासी विकास को प्राथमिकता देते हुए, बस्तर सहित सरगुजा को विशेष तौर पर फोकस किया गया है.
आदिवासी परंपरा और शिक्षा पर मुख्यमंत्री का जोर
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ब्लॉक मुख्यालय नरहरपुर के उन्मुक्त खेल मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में, मुख्यमंत्री साय ने आदिवासी समाज के इष्ट देवी-देवताओं का जयघोष करते हुए उपस्थित लोगों को ठाकुर जोहारनी और नवाखाई की बधाई दी.
उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की यह अनूठी परंपरा आगे भी जीवित रहनी चाहिए और समाज की एकजुटता हमेशा बनी रहनी चाहिए. छत्तीसगढ़ के युवा आगे बढ़ें और सुशिक्षित बनें, इसके लिए पूरे प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू की गई है.
शिक्षा विकास के साथ माओवाद समाप्ति का वादा
मुख्यमंत्री ने बताया कि IIT, IIM, ट्रिपल IIT जैसी राष्ट्रीय स्तर की उच्च शिक्षण संस्थान प्रदेश में संचालित हैं, जिससे गुणवत्तापूर्ण और रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध हो सके. इसी तरह, प्रयास और एकलव्य जैसे श्रेष्ठ संस्थानों के माध्यम से भी लगातार सुधार के प्रयास हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि दिल्ली में ट्राइबल यूथ हॉस्टल संचालित है और प्रदेशभर में नालंदा परिसर स्थापित किए जा रहे हैं. सुरक्षा बलों को माओवाद के विरुद्ध अभियान में लगातार बड़ी सफलताएं मिल रही हैं. उन्होंने 31 मार्च 2026 तक माओवाद के खात्मे का संकल्प दोहराया.
ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता के लिए डिजिटल पहल
मुख्यमंत्री साय ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशानुरूप, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के सहयोग से पशुपालन और मुर्गीपालन जैसी रोजगारमूलक गतिविधियों से लोगों को जोड़ने का कार्य प्रदेश सरकार कर रही है.
उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहकों के पारिश्रमिक में वृद्धि, चरणपादुका वितरण, रामलला दर्शन योजना सहित ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता और सुगमता लाने के लिए अटल डिजिटल सेवा केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं.
जल, जंगल, जमीन और लोकसंस्कृति की रक्षा
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि केंद्र सरकार की पीएम जनमन योजना और धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान के माध्यम से आदिवासियों के सतत और समग्र विकास को अमलीजामा पहनाया जा रहा है. विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह हमारा उत्सव का कार्यक्रम है.
उन्होंने कहा कि जल, जंगल, जमीन और अपनी परंपराओं, लोकनृत्य, गीत, मांदर और मृदंग के साथ जीने वाले आदिवासियों की अपनी विशिष्ट पहचान है. अपनी जड़ों को मजबूत करते हुए, स्वास्थ्य, शिक्षा और अधिकारों के प्रति सजग रहना नितांत आवश्यक है.
नरहरपुर में कई विकास योजनाएं घोषित
कार्यक्रम को सांसद भोजराज नाग, कांकेर विधायक आशाराम नेताम और केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम सहित गोंडवाना समाज के संभागीय अध्यक्ष सुमेर सिंह नाग, जिला अध्यक्ष राजेश भास्कर और राजाराम तोड़ेम ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने नरहरपुर क्षेत्र के लिए अनेक घोषणाएं भी की.
इनमें 30 करोड़ रुपये की लागत से बागोड़ एनीकट का निर्माण, नरहरपुर में 132 केवी विद्युत सब-स्टेशन स्थापना हेतु 30 करोड़ रुपये, नरहरपुर में मावा मोदोल लाइब्रेरी के लिए 20 लाख रुपये, ग्राम ढोढ़रापहार में गोंडवाना सामुदायिक भवन निर्माण हेतु 20 लाख रुपये, नरहरपुर में मोबाइल टॉवर की स्थापना करने की घोषणा शामिल हैं.
इंग्लिश मीडियम स्कूल हेतु आवश्यक सहयोग की घोषणा
साथ ही, नरहरपुर में सर्वसुविधायुक्त विश्राम गृह निर्माण के लिए 80 लाख रुपये और नरहरपुर विकासखंड के गोंडवाना समाज के सभी 12 मुड़ा क्षेत्रों में 12 टीन शेड निर्माण हेतु 10–10 लाख रुपये के मान से कुल 1 करोड़ 20 लाख रुपये स्वीकृत करने की घोषणा शामिल हैं.