नई दिल्ली:– भारत की इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और बैटरी उत्पादन से जुड़ी सब्सिडी योजनाओं पर चीन ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि भारत की ये पॉलिसीज घरेलू उद्योगों को अनुचित प्रतिस्पर्धात्मक लाभ देती हैं और इससे चीन के आर्थिक हितों को नुकसान पहुंच रहा है।
चीन की WTO में आधिकारिक शिकायत
चीन ने कहा कि भारत सरकार द्वारा दी जा रही ईवी और बैटरी निर्माण सब्सिडी योजनाएं अंतरराष्ट्रीय व्यापार के निष्पक्ष नियमों के खिलाफ हैं। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, इन योजनाओं से भारत अपने स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा दे रहा है। इससे विदेशी (विशेष रूप से चीनी) कंपनियों के लिए असमान प्रतिस्पर्धा का माहौल बन गया है। मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘भारत द्वारा लागू की गई सब्सिडी पॉलिसीज वैश्विक व्यापार व्यवस्था के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन करती हैं। चीन अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएगा।’
भारत की ईवी पॉलिसी से चीन को चिंता क्यों
भारत सरकार हाल के वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएँ चला रही है। इनमें FAME-II योजना (हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों का तेजी से अपनाना और विनिर्माण) और पीएलआई योजना (उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना) शामिल हैं। इन नीतियों का उद्देश्य देश में ईवी उत्पादन को बढ़ाना, आयात पर निर्भरता घटाना और स्वदेशी विनिर्माण को प्रोत्साहन देना है चीन का आरोप है कि ये नीतियाँ विदेशी कंपनियों, विशेषकर चीनी ईवी और बैटरी निर्माताओं को बाजार से बाहर कर रही हैं, जिससे वैश्विक प्रतिस्पर्धा प्रभावित हो रही है।
चीन की चेतावनी
चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि चीन अपने घरेलू उद्योगों के हितों की सुरक्षा के लिए “सख्त और प्रभावी कदम” उठाएगा। मंत्रालय ने कहा कि भारत की नीतियाँ “अंतरराष्ट्रीय व्यापार में निष्पक्षता और पारदर्शिता के सिद्धांतों को कमजोर कर रही हैं।”
वैश्विक ईवी बाजार में चीन की हिस्सेदारी
एजेंसी रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन बिक्री का लगभग दो-तिहाई हिस्सा चीन के पास है। बाजार अनुसंधान फर्म Rho Motion के डेटा के मुताबिक, चीन ने हाल ही में करीब 1.3 मिलियन (13 लाख) ईवी यूनिट्स की बिक्री की है, जो विश्व स्तर पर सबसे अधिक है। यानी कि चीन ईवी उत्पादन और बिक्री दोनों में अग्रणी बना हुआ है।
भारत की नई योजना से बढ़ी नाराजगी
चीन की यह शिकायत ऐसे समय में आई है जब भारत सरकार “नेशनल क्रिटिकल मिनरल स्टॉकपाइल (NCMS)” कार्यक्रम शुरू करने की तैयारी में है। इस योजना का उद्देश्य देश के भीतर दुर्लभ खनिजों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। इनका उपयोग ईवी बैटरियों और उच्च-तकनीकी उपकरणों में किया जाता है। माना जा रहा है कि चीन को आशंका है कि यह कार्यक्रम भारत की ईवी इंडस्ट्री को और मजबूत करेगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में उसकी स्थिति कमजोर हो सकती है।