नई दिल्ली:– भारत में स्वास्थ्य सेवाओं का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है. इलाज के बढ़ते दाम और अस्पतालों के महंगे बिल आम आदमी के लिए चिंता का सबब बन चुके हैं. ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंसबड़े काम आते हैं. लेकिन निजी कंपनियों की बीमा पॉलिसियों (Healthcare Policy) पर 18% GST लगने से यह और महंगा हो जाता है.
अच्छी बात यह है कि सरकार ने समाज के कमजोर वर्गों के लिए कई ऐसी योजनाएं शुरू की हैं, जिन पर GST नहीं लगता. आइए आज आपको ऐसी ही 5 सरकारी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम (Government Health Insurance Schemes in India) के बारे में बताते हैं.
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना देश की प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना है. इसके तहत हर परिवार को सालाना 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है. इसमें अस्पताल में भर्ती होने से पहले 3 दिन और डिस्चार्ज के बाद 15 दिन तक के खर्च (जैसे टेस्ट और दवाइयां) भी शामिल हैं.
खास बात यह है कि इसमें सभी पहले से मौजूद बीमारियां शुरू से ही कवर होती हैं. हालांकि, यह योजना सिर्फ आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए है. शहरी क्षेत्रों में कचरा बीनने वाले, घरेलू कामगार, ठेले वाले, फेरीवाले, मोची आदि के लिए यह योजना उपलब्ध है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (Rashtriya Swasthya Bima Yojana)
यह योजना खासकर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों और गरीबी रेखा से नीचे वाले (BPL) परिवारों के लिए है. इसमें एक परिवार (अधिकतम 5 सदस्य) को सालाना 30,000 रुपये तक का कवर मिलता है. इसके लिए बेनिफिशियरी को सिर्फ 30 रुपये रजिस्ट्रेशन/रिन्यूअल फीस देनी होती है. अलग-अलग राज्य अपनी जरूरत के हिसाब से इस योजना में बदलाव कर सकते हैं.
निरामय हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम
यह योजना विशेष रूप से दिव्यांगज के लिए है. इसमें उन्हें 1 लाख रुपये तक का कवर मिलता है. इसकी खासियत है कि इसमें कोई प्री-इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट नहीं होता. इसके तहत ओपीडी ट्रीटमेंट, दवाइयां, डायग्नोस्टिक टेस्ट और रेगुलर मेडिकल चेकअप भी शामिल हैं. ओपीडी खर्च की सीमा 15,000 रुपये तक है. दंत चिकित्सा का खर्च 4,000 रुपये तक कवर होता है.
जन आरोग्य बीमा पॉलिसी
यह योजना भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए है. इसमें हर व्यक्ति को 5,000 रुपये का बीमा कवर मिलता है. यह पॉलिसी 1 साल के लिए होती है. परिवार के मुखिय के लिए प्रीमियम सिर्फ 81 रुपये है. 66 साल से ऊपर की उम्र वालों के लिए प्रीमियम 162 रुपये है. हालांकि, इसमें पहले से मौजूद बीमारियां 36 महीने बाद ही कवर होती हैं. इसके अलावा डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए 90 दिन का वेटिंग पीरियड होता है.
- यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम
साल 2003 में शुरू की गई इस योजना का फायदा गरीबी रेखा से ऊपर और नीचे दोनों परिवारों को मिलता है. 3 महीने से 65 साल तक की उम्र के लोग इस बीमा के लिए पात्र हैं. इसका प्रीमियम बहुत कम है –
अकेले व्यक्ति के लिए 422 रुपये सालाना
5 लोगों के परिवार के लिए सिर्फ 633 रुपये सालाना
अगर आप या आपका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है और महंगे प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस का खर्च नहीं उठा सकता, तो ये योजनाएं आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती हैं. सही योजना चुनकर आप अपने और अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं.