जनधारा समाचार ।
रायपुर :- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सेंट्रल जेल में आज कोरोना से बलौदाबाजार जिले की 32 वर्षीय एक महिला कैदी की मौत हो गई है । दो अन्य कैदियों को हालत नाजुक बताई जा रही हैं । वहीं सेंट्रल जेल में क्षमता से तीन गुना अधिक क़ैदी रखे गए हैं, जहाँ पर और भी कैदी संक्रमित होने की संभावना नज़र बनी हुई है।
आपको बता दें की प्रदेश के कई जेलों में क्षमता से अधिक कैदी होने की वजह से उन्हें बैरकों में ठूंस-ठूंस कर रखा जाता है, जिस कारण जेल में कैदियों के बीच कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे अधिक है, ऐसे में जेल में बंद कैदियों को पैरोल पर रिहा किया जाना चाहिए, जैसा कि कोरोना के पहले चरण में किया गया था, पिछले साल मार्च के महीने में कोरोना के जब कम केस थे, उस समय कई जिलों से कैदियों को कुछ शर्तों के अधीन अंतरिम जमानत और पैरोल पर छोड़ा गया था, छत्तीसगढ़ के कई जेलों से हजारों की संख्या में कैदियों को पैरोल पर रिहा किया गया था, दिसंबर के महीने तक कैदियों को पैरोल पर बाहर रखा गया था, जिस कारण कुछ हद तक जेलों में संक्रमण फैलने से रोका जा सका था, इस बार भी कैदियों को पैरोल पर छोड़ने की जरूरत है |
सेंट्रल जेल में क़ैदी के पॉजिटिव आने के बाद जेल प्रशासन में हडकंप मच गया हैं, रायपुर सेंट्रल जेल की क्षमता क़रीब 1100 क़ैदी की है, लेकिन यहां आमतौर पर क़रीब 3 हज़ार क़ैदी रखे जाते हैं, यानी क्षमता से अधिक क़ैदी होने पर उन्हें बैरकों में ठूंस-ठूंस कर रखा जाता है, जेल में कैदियों को ऐसे एक साथ रखना खतरे से खाली नहीं है, पिछले बार जेलों में बड़ी संख्या में कैदी कोरोना पॉजिटिव मिले थे, कोरोना के पहले चरण के दौरान रायपुर सेंट्रल जेल में कोरोना ब्लास्ट हुआ था, एक के बाद एक क़रीब पचास क़ैदी संक्रमित पाए गए थे, प्रदेश भर के कई जेलों का यही हाल था, राज्य के जेलों में बंद कैदी भारी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मिले थे, जेल में बढ़ते संक्रमितों की संख्या को देखते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लिया था, जिससे जेलों में कोरोना वायरस के फैलने से रोका जा सके, कैदियों को बेमौत मरने से बचाया जा सके, इस बार भी ऐसा ही कुछ निर्णय प्रशासन को लेना होगा जिससे जेलों में संक्रमण रोका जा सके |
वर्सन,
बलौदाबाज़ार की रहने वाली विचाराधीन कैदी 32 वर्षीय युवती में कोरोना के लक्षण पाये जाने के बाद मेकाहारा में पिछले तीन चार दिनों से भर्ती कराया गया था । जहाँ पर ईलाज के दौरन मौत हो गई है | जेल में प्रतिदिन करीब तीस पैंतीस कैदी कोर्ट से जेल आते उनका रैपिड टेस्ट कराया जाता है, जिनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आते है उनको मेकाहारा में ईलाज कराया जाता हैं ।
के के गुप्ता, डीजी सेंट्रल जेल रायपुर