रायपुर:- छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के अध्यक्ष और भाजपा नेता भूपेंद्र सवन्नी पर वेंडर्स ने गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. वेंडर्स का दावा है कि क्रेडा में किए गए कार्यों के भुगतान के एवज में 3% कमीशन मांगा जा रहा है. वेंडर्स ने ये भी आरोप लगाया कि कमीशन देने से इनकार करने पर ब्लैकलिस्ट करने की धमकी दी गई है.
वेंडर्स ने आरोप लगाया कि यह मांग क्रेडा अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी के निजी सहायक वैभव दुबे के माध्यम से की जा रही है. इस पूरे प्रकरण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को भी शिकायत भेजी गई है.
काम पूरा, फिर भी मांग रहे पैसा: शिकायतकर्ताओं का कहना है कि कई कार्य पूर्ण हो चुके हैं, लेकिन अब भुगतान के लिए 3 प्रतिशत कमीशन की मांग की जा रही है. विरोध करने पर वेंडर्स को जांच, नोटिस और ब्लैकलिस्ट की धमकी दी जा रही है.
पहले भी हो चुकी है शिकायत: इस मामले में 20 जून को लिखित शिकायत, 1 जुलाई को रिमॉर्क और 8 जुलाई को मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा जांच के निर्देश जारी किए जा चुके हैं. सीएम सचिवालय ने निर्देशित किया है कि जांच की पूरी रिपोर्ट जनदर्शन पोर्टल पर अपलोड की जाए.
कांग्रेस का वार, भाजपा की यही है नीति: मामले ने जैसे ही तूल पकड़ा, कांग्रेस ने भाजपा पर सीधा हमला बोला. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि क्रेडा के ठेकेदारों ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर क्रेडा अध्यक्ष भूपेन्द्र सवन्नी द्वारा हर काम में 3 प्रतिशत कमीशन उगाही का आरोप लगाया है. कमीशन नहीं देने पर ठेकेदारों को परेशान किया जा रहा है.
बैज ने कहा “क्रेडा के ठेकेदारों का यह आरोप छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के सुशासन की असली तस्वीर है. प्रदेश के हर विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है. बिना मोटे कमीशन के राज्य में कोई कार्य नहीं होता है. डेढ़ साल में भी सरकार और मंत्रियों का भ्रष्टाचार खुलकर सामने आने लगा है. मंत्री केवल कमीशन का हिसाब रखने में ही रूचि रखते है. बैज ने कहा कि भाजयुमो अध्यक्ष रवि भगत ने डीएमएफ के घोटाले को उजागर किया तो उन पर नोटिस जारी हो गया. अब एक बार फिर से क्रेडा के ठेकेदार कमीशनखोरी के खिलाफ लामबंद हुए है, इसके पहले राजनांदगांव में जल जीवन मिशन की कमीशनखोरी की शिकायत ठेकेदार एसोसिएशन ने किया था.”
पार्टी प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भी भी कहा, “चंदा दो, धंधा लो – यही भाजपा की नीति बन गई है. विभाग दर विभाग कमीशनखोरी का बोलबाला है. ठेकेदार डरे हुए हैं और परेशान हैं.”
भाजपा की चुप्पी: यह मामला सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक चर्चा का विषय बना रहा, लेकिन भाजपा की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.