जशपुर.सन्ना:-
जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड अन्तर्गत जंगलों से घिरा ग्राम पंचायत महनई , जहाँ अधिकतम यादव समाज और कोरवा जनजाति के लोग निवासरत हैं जिला मुख्यालय से काफी दुरी होने के कारण और सड़क मार्ग सही नहीं होने के कारण ईन ग्रामीण क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों और जिले के उच्चाधिकारियों का आना नहीं के बराबर होता है ।
बहरहाल बात करते हैं क्षेत्र में शिक्षा के स्तर पर, ग्राम पंचायत महनई मे संचालित शासकीय पुर्व माध्यमिक विद्यालय कि जहाँ के प्रभारी प्रधान पाठक हैं श्री गजराज महानंद ,जो ग्रामीणों के कथन अनुसार बहुत ही सुलझे हुए शिक्षक हैं और ग्राम पंचायत महनई के शासकीय शाला में काफी वर्षों से पदस्थ हैं और अपनी सेवाएं दे रहे हैं , ईस कोरोना महामारी के दरमियान भी वे अपने विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर काफी चिंतित रहते हैं और ईसी कड़ी मे उन्होंने अपने विद्यार्थियों को शिक्षा देने के लिए एक बहुत ही सुन्दर शुरुआत की है ।
उन्होंने अपने शाला क्षेत्र के ग्रामीणों से पुछकर गांव के गलियारों में दिवाल लेखनी के माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने का एक बहुत ही सुन्दर प्रयास किया है हमारे द्वारा जब उनसे दुरभाष के माध्यम से सम्पर्क किया गया और दिवाल लेखनी के बारे में पुछा गया तो उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के ईस दौर मे विद्यालय संचालित करना उचित नहीं है बच्चों में संक्रमण का खतरा है ईसलिए विभागीय उच्चाधिकारियों के मार्गदर्शन में यह दिवाल लेखनी का कार्य कराया जा रहा है ईससे लाकडाऊन के समय में भी बच्चे अपने घर आंगन में रहकर भी उचित शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं ।
प्रभारी प्रधान पाठक श्री गजराज महानंद जी की बच्चों के भविष्य को लेकर की गई ये पहल काफी सराहनीय है ,क्योंकि ईन जंगल झाड़ वाले क्षेत्रों में पदस्थ कितने ही शिक्षकों को तो सिर्फ अपने वेतन से मतलब रहता है,.जिन बच्चों के भविष्य गढ़ने कि जिम्मेदारी उन्हें सरकार के द्वारा दी गई होती है उनके भविष्य से ईनको कोई मतलब नहीं होता खैर गजराज महानंद जैसे कर्तव्य परायण शिक्षकों के रहते ग्रामीण अंचलों के बच्चों में शिक्षा का स्तर कभी नहीं गिर सकता प्रशासन को भी ऐसे पहुंच विहीन क्षेत्रों में ईन जैसे कर्तव्यनिष्ठ शिक्षकों की पदस्थापना करनी चाहिए जिन्हें अपने विद्यार्थियों के भविष्य की चिंता हो ।