कोरबा। साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की दीपका खदान के कोयला स्टाक में आग लग गई। प्रबंधन आग बुझाने लगातार प्रयास कर रहा है, पर गर्मी की वजह से आग पर काबू नहीं पाया जा सका है।
गर्मी शुरू होते ही ओपनकास्ट खदान व कोयला स्टाक में स्वतः आग लग जाती है और धीरे धीरे वृहद रूप धारण कर लेती है. गर्मी बढ़ने के साथ ही दीपका खदान के स्टाक यार्ड में आग गई। वर्तमान में रोड सेल के जरिए बेचे जाने वाले कोयले में आग लगी हुई है। खदान में रोड सेल के लिए पांच स्टाक की व्यवस्था है। जिसमें स्टाक क्रमांक चार को छोड़ दिया जाए, तो स्टाक क्रमांक 16, 17, 18 और 19 में आग लगी हुई है। कुछ स्थानों पर मिट्टी डालकर आग को बुझाने का प्रयास किया गया है।
पर कोयले के अंदर ही अंदर आग धधक रही है. जिससे लगातार कोयले के स्टाक को नुकसान पहुंच रहा है। बताया जा रहा है कि प्रतिदिन सैकड़ों टन कोयला का नुकसान हो रहा है. वाहनों में कोयला लोड करते पानी डाल कर आग बुझाया जाता है। पर पूरी तरह नहीं बुझने से कोयला अंदर ही सुलगते रहता है. यहां यह बताना लाजिमी होगा कि दीपका में एफ ग्रेड के कोयले का उत्पादन होता है इस कोयले की कीमत 25 सौ से तीन हजार रुपये प्रति टन के मध्य है।
खदान से रोड सेल के जरिए कोल वाशरी, विद्युत संयंत्र व लघु उद्योगों में कोयला परिवहन किया जाता है। दीपका खदान से चालू वित्तीय वर्ष में 35 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. स्टाक में लगी आग से उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ने की संभावना जताई जा रही है। इस संबंध में प्रबंधन का कहना है कि कोयला में आग नहीं लगी है। पर कर्मियों का कहना है कि आग लगने की घटना गर्मी के दिन में होती रहती है और वाटर स्प्रिंकलर के साथ ही टैंकर से पानी छिड़काव करा आग पर काबू पाया जाता है।