नई दिल्ली:- क्या आपने कभी सोचा है कि नींबू के बिना हर शुभ कार्य अधूरा क्यों होता है और यह हमारी संस्कृति में एक विशेष स्थान क्यों रखता है? संस्कृत में नींबू को ‘निम्बूका’, ‘राजनिम्बूका’ या नींबू फल कहा जाता है और इसे एक पवित्र फल माना जाता है. नींबू को अक्सर धन और प्रचुरता का प्रतीक माना जाता है. सदियों से, नींबू का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं, घरेलू इलाजों और दिन-प्रतिदिन के पाक-कला में इसके पावरफुल हेल्थ बेनिफिट्स और यूनिक टेस्ट और सुगंध के लिए किया जाता रहा है. लेकिन इस छोटे से खट्टे फल के बारे में और भी बहुत कुछ है, जो पौराणिक कथाओं और सांस्कृतिक मान्यताओं की परतों में बुना हुआ है.
निम्बासुर और नींबू का कनेक्शन
इस फल का उल्लेख पौराणिक कथाओं में भी मिलता है. आध्यात्मिक जगत में इस फल को फलों का राजा कहा जाता है. यहां पौराणिक कथाओं का एक दिलचस्प हिस्सा है जो आध्यात्मिकता और हिंदू धर्म में नींबू की उत्पत्ति और प्रासंगिकता को परिभाषित करता है. नींबू का इतिहास वैदिक युग से जुड़ा है, जब निम्बासुर नामक एक शक्तिशाली असुर ने बड़े पैमाने पर विनाश किया और अकाल का कारण बना. बता दें, निम्बासुर एक शक्तिशाली असुर था जो भगवान शिव और भगवान ब्रह्मा से वरदान प्राप्त था.
राक्षस के क्रूर कर्मों से परेशान होकर ऋषि अगस्त्य ने पृथ्वी को राक्षस द्वारा किए गए विनाश से बचाने के लिए अनुष्ठान और कठोर तपस्या की, ऋषि ने राक्षस की क्रूरता को समाप्त करने के लिए देवी शक्ति से प्रार्थना की. ऋषि से प्रसन्न होकर, देवी शक्ति ने निम्बासुर का वध किया और पृथ्वी को वनस्पतियों से आशीर्वाद दिया और यही कारण है कि देवी को शाखम्भरी देवी के रूप में पूजा जाता है.
नेगेटिव एनर्जी को दूर भगाता है
ज्योतिष आचार्य देवराज के अनुसार, नींबू को नेगेटिव एनर्जी को दूर रखने के लिए भी जाना जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि नींबू में स्ट्रांग एनर्जी को बनाए रखने और नेगेटिव एनर्जी और बुरी नजर के प्रभाव को कम करने की शक्ति होती है. दरअसल, ऐसा माना जाता है कि मंदिरों में नींबू रखने और उन्हें घर पर लाने से नेगेटिव एनर्जी के प्रभाव को दूर करने में मदद मिलती है. देवराज कहते हैं कि नींबू में तेज ऊर्जा होती है, जो राजसिक और तामसिक तरंगें उत्सर्जित करती है, जिसका उपयोग आध्यात्मिक प्रयासों के लिए किया जा सकता है, चाहे वह फायदेमंद हो या हानिकारक. नींबू बुरी नजर के हानिकारक प्रभावों से भी सुरक्षा प्रदान करता है.
घर में नींबू के पेड़ के वास्तु लाभ
वास्तु शास्त्र में, नींबू के पेड़ को घर के लिए कई तरह के लाभ देने वाला माना जाता है, जैसे कि नेगेटिव एनर्जी को दूर करना, समृद्धि को आकर्षित करना और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देना. इसे पवित्रता और स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है, और नींबू की उपस्थिति घर के समग्र वातावरण को बेहतर बना सकती है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के प्रवेश द्वार पर नींबू का पेड़ लगाने से सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य आकर्षित होता है. घर के अंदर पेड़ लगाने से ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और उत्पादकता बढ़ती है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, नींबू के पेड़ समृद्धि का प्रतिनिधित्व करते हैं और वित्तीय सफलता और समृद्धि लाने में मदद कर सकते हैं.
माना जाता है कि नींबू के उपचारात्मक गुण सामान्य स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं और घर में रहने वालों के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाते हैं.
नींबू स्वच्छता और पवित्रता का प्रतीक है, और घर में नींबू का पेड़ होने से अधिक सकारात्मक और खुशहाल माहौल में योगदान मिल सकता है.