नई दिल्ली:– पटाखों, वाहनों और पराली जलाने के कारण दिल्ली का AQI गंभीर स्तर तक पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार सुबह दिल्ली का AQI 350 रिकॉर्ड किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। दिल्ली के नरेला इलाके में एक्यूआई 551 पहुंच गया है। जहरीली धुंध के कारण लोगों के आंखों में जलन हो रही है। दिल्ली के दमघोंटू हवा के कारण बुजुर्गों को सांस लेने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बवाना, जहांगीरपुरी, वज़ीरपुर, अलीपुर और बुराड़ी क्रॉसिंग में AQI 401 से ऊपर है।
दिवाली की शाम दिल्ली में जमकर पटाखे फोड़े गए
दिवाली की शाम दिल्ली में जमकर पटाखे फोड़े गए हैं. इस बीच एनसीआर के नोएडा और गुरुग्राम में भी हालात कुछ खास अच्छे नहीं रहे। नोएडा का AQI 407 तो वहीं गुरुग्राम का 402 दर्ज किया गया। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में प्रदूषण का स्तर डरावना है। नरेला इलाके में AQI 551 तक पहुंच चुका है, जो सबसे ज़्यादा दर्ज किया गया। इसके अलावा, अशोक विहार में भी वायु गुणवत्ता 493 रही. आनंद विहार का AQI 394 दर्ज किया गया है। दिल्ली से सटे नोएडा में AQI 369 और गाजियाबाद में 402 रहा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. सिर्फ़ चंडीगढ़ में यह 158 रहा. यह डेटा बताता है कि NCR में हवा की गुणवत्ता कितनी तेज़ी से गिरी है। सरकार और प्रशासन को इस पर तत्काल ध्यान देने की ज़रूरत है।
पर्यावरण विशेषज्ञों ने दी चेतावनी
पर्यावरण विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर तुरंत कदम नहीं उठाए गए, तो सर्दियों में प्रदूषण और बढ़ सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, ‘बहुत खराब’ या ‘गंभीर’ श्रेणी की हवा में लंबे समय तक रहना फेफड़े, दिल और आंखों के लिए हानिकारक है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए। दिल्ली सरकार और प्रदूषण नियंत्रण एजेंसियां अब आपातकालीन कदमों पर विचार कर रही हैं, जिनमें स्कूल बंद करना, निर्माण कार्य रोकना और वाहनों के उपयोग को सीमित करना शामिल हो सकता है। दिवाली का यह प्रदूषण एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि क्या ग्रीन पटाखों और नियमों के बावजूद दिल्लीवासियों को सांस लेने की सुरक्षित हवा मिल पाएगी।
कोर्ट ने शर्तों के साथ दी थी अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर को कुछ शर्तों के साथ दिल्ली-एनसीआर में हरित पटाखों की बिक्री और उनके इस्तेमाल की अनुमति दे दी थी। इसके तहत दिवाली से एक दिन पहले और त्योहार के दिन सुबह छह बजे से शाम सात बजे के बीच और फिर रात आठ बजे से 10 बजे तक हरित पटाखे फोड़ने की अनुमति दी गई थी।