उज्जैन का सौभाग्येश्वर महादेव मंदिर, यहां उल्टा स्वस्तिक बनाने से पूरी होती है मनोकामनामध्य प्रदेश की प्रसिद्ध धार्मिक नगरी उज्जैन को देवों की नगरी कहा जाता है. माना जाता है यहां कई अत्यंत चमत्कारी मंदिर हैं. कहते हैं यहां के मंदिरों के दर्शन मात्र से भक्तों के कष्ट दूर हो जाते हैं. इन्हीं में एक मंदिर है श्रीसौभाग्येश्वर महादेव मंदिर .
धार्मिक नगरी उज्जैन में 84 महादेवों में 61 वां स्थान रखने वाले श्रीसौभाग्येश्वर महादेव की महिमा अत्यंत निराली है. कहते हैं सौभाग्येश्वर महादेव के दर्शन करने से दरिद्रता दूर होती है. प्रियजनों से झगड़ा नहीं होता. ग्रहों की बाधा समाप्त होती है और स्त्रियों का सौभाग्य बना रहता है. इस मंदिर के बारे में जानकारी देते हुए यहां पुजारी पं. राजेश पंड्या का कहना है कि मंदिर में भगवान का शिवलिंग बालू से बना हुआ है. इन दिनों रोजाना दर्शन-पूजन करने के लिए यहां सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं.
पुजारी का कहना है सौभाग्येश्वर महादेव के बारे में स्कंद पुराण में भी उल्लेख है. पुजारी के मुताबिक वैसे तो सालों भर ही मंदिर में श्रद्धालु भगवान का विशेष पूजन-अर्चन करने आते हैं लेकिन भादो मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया पर सौभाग्येश्वर महादेव के विशेष पूजन अर्चन का विधान है. यहां सौभाग्यवती महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए और कुंवारी कन्याएं अच्छे वर और अच्छे घर की कामना के लिए मंदिर में पूजन अर्चन करने आती हैं.मनोकामना पूर्ति के लिए बनाते हैं उल्टा स्वस्तिकसावन के महीने में यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.
यह एक प्राचीन मंदिर है. बताया जाता है कि मंदिर में पूजन अर्चन करने वाले श्रद्धालु मनोकामना पूर्ति के लिए उल्टे स्वस्तिक का निर्माण करते हैं. हजारों साल से मान्यता है कि यहां की पूजा से विशेष रूप से विवाह और संतान प्राप्ति में आ रही बाधा दूर होती है. सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं. लोग मनोकामना पूरी होने पर दोबारा आते हैं और फिर सीधा स्वास्तिक बनाकर भगवान का पूजन अर्चन करते हैं.
