नई दिल्ली:– हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया गया है। सूत्रों के अनुसार, उनके सुसाइड नोट में नाम आने और परिवार की शिकायत के बाद राज्य सरकार ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर को जांच पूरी होने तक लंबी छुट्टी पर भेज दिया है।
पुलिस ने कपूर सहित उन सभी 13 वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिनके नाम आठ पन्नों के सुसाइड नोट में दर्ज थे।2001 बैच के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार रोहतक पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में आईजी के पद पर तैनात थे। 7 अक्टूबर को उन्होंने अपने घर के साउंडप्रूफ बेसमेंट में सर्विस रिवॉल्वर से आत्महत्या कर ली।
13 वरिष्ठ अधिकारियों पर सुसाइड नोट में लगाया आरोप
जांच में सामने आया कि उन्होंने एक दिन पहले अपनी वसीयत तैयार की थी, जिसमें पूरी संपत्ति पत्नी आईएएस अमनीत पूरन कुमार के नाम की गई थी। आत्महत्या से पहले उन्होंने पत्नी को एक भावनात्मक संदेश भी भेजा था। सुसाइड नोट में वाई पूरन कुमार ने 13 वरिष्ठ अधिकारियों पर उत्पीड़न, भेदभाव और करियर बर्बाद करने का आरोप लगाया था।
इनमें मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, पूर्व मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, पूर्व एसीएस राजीव अरोड़ा, डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया जैसे बड़े नाम शामिल हैं। उन्होंने लिखा कि उन्हें जातिगत भेदभाव और धमकियों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण वे मानसिक रूप से टूट गए।
सरकार ने तुरंत लिया एक्शन
मामले के सामने आने के बाद सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुए रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया को हटा दिया और उनकी जगह सुरिंदर सिंह भोरिया को नई जिम्मेदारी दी। अब डीजीपी शत्रुजीत कपूर को भी छुट्टी पर भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने स्वयं पीड़ित परिवार से मुलाकात कर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। वहीं सामाजिक न्याय मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि सरकार पूरी तरह परिवार के साथ खड़ी है और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जा रही है।
राहुल गांधी करेंगे वाई पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात
इस बीच, कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी आज (14 अक्टूबर) चंडीगढ़ में वाई पूरन कुमार के परिवार से मिलने पहुंचेंगे। वे श्रद्धांजलि अर्पित कर परिवार को सांत्वना देंगे। इससे पहले भी कई विपक्षी नेता परिवार से मिल चुके हैं।
पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पूरन कुमार ने डीजीपी और अन्य अधिकारियों पर उकसावे और उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, परिवार पोस्टमॉर्टेम और अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं देगा। मामला अब राज्य की राजनीति और पुलिस तंत्र दोनों के लिए गंभीर परीक्षा का विषय बन गया है।