मध्य प्रदेश:- रतलाम और भोपाल सहित कई जिलों में आने वाले दिनों में जमकर धन वर्षा होगी। इसके पीछे मुख्य कारण नर्मदा एक्सप्रेस वे और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को माना जा रहा है। नर्मदा एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे मध्य प्रदेश के रतलाम, रीवा, भोपाल, हरदा, होशंगाबाद, खंडवा, हरसूद, खरगोन, बड़वानी, उज्जैन, देवास, सागर टोला, जबलपुर, औबेदुल्लागंज, संदलपुर, बुदनी, इंदौर, हरदा, खलघाट जैसे कई जिलों की कायापलट करेंगे।
इन हाईवे की शुरू होने के बाद राज्य में औद्योगिक क्षेत्र तो विकसित होंगे ही होंगे साथ ही साथ रोजगार के भी नए अवसर खुलेंगे। इसके अलावा इन एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद प्रॉपर्टी के दामों में भी भारी उछाल देखने को मिलेगा।
906 किलोमीटर लंबा बनाया जाएगा नर्मदा एक्सप्रेस-वे
नर्मदा एक्सप्रेसवे मध्य प्रदेश के लिए विकास के नए दरवाजे खोलेगा। यह हाईवे 906 किमी लंबा बनाया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे को कबीर अमरकंटक से झाबुआ मध्य प्रदेश और गुजरात राज्य की सीमा तक बनाया जा रहा है। यह मध्य प्रदेश राज्य के हरसूद, खरगोन, बड़वानी, रीवा, भोपाल, हरदा, होशंगाबाद, खंडवा,
रतलाम, उज्जैन, देवास आदि जिलों की सड़कों को भी जोड़ेगा। जिससे इन जिलों में रहने वाले लोगों का सफर आसान होने के साथ-साथ ईंधन की भी बचत होगी।
इसके अलावा कनेक्टिविटी बढ़ने और नया एक्सप्रेसवे शुरू होने पर इन जिलों में औद्योगिक और पर्यटन विकास भी रफ्तार पकड़ेगा। पाठकों को बता दें कि नर्मदा एक्सप्रेस-वे मध्य प्रदेश को पश्चिम में गुजरात में दिल्ली-मुंबई इंटर कारिडोर तक और पूर्वी सीमा में छत्तीसगढ़ स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग 45-ई तक जोड़ेगा।
राष्ट्रीय राजमार्ग 45-ई से जुड़ने से मध्य प्रदेश के लोगों का बिलासपुर और रायपुर का सफर आसान होगा। यह हाईवे औद्योगिक और पर्यटन की गतिविधियों वाले संदलपुर, बुदनी, इंदौर, सागर टोला, जबलपुर, औबेदुल्लागंज, हरदा, खलघाट, ठीकरी, की कनेक्टिविटी भी बढ़ाएगा। इनके आसपास औद्योगिक क्षेत्रों के विकास हेतु औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग कार्य योजना भी बनाने जा रहा है।
दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस वे मध्य प्रदेश में खोल का विकास के नए दरवाजे
देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे मध्य प्रदेश में विकास के नए दरवाजे खोलने का काम कर रहा है। यह हाईवे मध्य प्रदेश से 244 किलोमीटर क्षेत्र में होकर गुजरेगा और इसका काम अभी अंतिम चरण में चल रहा है।
पाठकों को बता दें कि देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे छह राज्यों से होकर निकलेगा। इस हाईवे की कुल लम्बाई 1,350 किमी है। इस हाईवे के निर्माण पर सरकार द्वारा अनुमानित 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इस हाईवे का काम पूर्ण होने के बाद मध्य प्रदेश के लोगों दिल्ली से मुंबई का सफर 24 घंटे से घटकर 12 घंटे रह जाएगा। काफी आसान हो जाएगा। देश का सबसे बड़ा यह एक्सप्रेसवे वडोदरा, कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल और सूरत जैसे बड़े शहरों की कनेक्टिविटी बढ़ाएगा।
इस हाइवे पर यात्रियों की सुविधा हेतु 30 लेन टोल प्लाजा और रेस्टोरेंट, टॉयलेट, कार पार्किंग, फ्यूल पंप और बच्चों के लिए पार्क की व्यवस्था भी बनाई जा रही है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे देश की 13 बंदरगाहों, 8 मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और 8 प्रमुख हवाई एयरपोर्ट कनेक्ट करेगा। इसका केंद्र बिंदु रतलाम होने के कारण औद्योगिक विकास के क्षेत्र में भी यह हाईवे मध्यप्रदेश राज्य के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा इस हाइवे के निकलने के बाद मध्य प्रदेश में जमीनों के रेट बढ़ने से लोगों पर धनवर्षा भी जमकर हो रही है।
