नई दिल्ली:– पिछले कुछ सालों में हमने देखा कि पेट्रोल पंप पर पेमेंट करने के तरीके कितने आसान हो गए थे। कोई UPI से भुगतान करता था, कोई कार्ड से और कोई मोबाइल वॉलेट से। लेकिन अब सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है जिसने सभी को चौंका दिया है – अब पेट्रोल और डीजल खरीदने के लिए सिर्फ कैश का इस्तेमाल किया जा सकेगा। चलिए जानते हैं इस नए नियम का मतलब क्या है, इसका असर आम लोगों पर कैसे पड़ेगा और हमें क्या तैयारी करनी चाहिए।
सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार, कुछ राज्यों के पेट्रोल पंपों पर डिजिटल पेमेंट को फिलहाल बंद कर दिया गया है और केवल नकद भुगतान (Cash Payment) ही मान्य होगा। यह फैसला सुरक्षा और लेन-देन में पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
यह नियम विशेष रूप से उन क्षेत्रों में लागू किया गया है जहाँ नेटवर्क की समस्या रहती है या फ्रॉड के मामले बढ़े हैं।
डिजिटल पेमेंट्स पर रोक फिलहाल अस्थायी है लेकिन आगे समीक्षा के बाद इसे बढ़ाया या हटाया जा सकता है।
यह नियम पूरे देश में एक साथ लागू नहीं किया गया है। इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। मुख्य रूप से यह निर्देश उन इलाकों में लागू किया गया है:
ग्रामीण और नेटवर्क से वंचित क्षेत्र
जहां डिजिटल फ्रॉड के मामले सामने आए हैं
कुछ राज्यों के चुनिंदा पेट्रोल पंप
नीचे एक उदाहरण के रूप में तालिका दी गई है जहाँ यह नियम लागू किया गया है:
राज्य का नाम शहर/जिला लागू तिथि नकद भुगतान अनिवार्यता
उत्तर प्रदेश अयोध्या 5 मई 2025 हाँ
बिहार दरभंगा 4 मई 2025 हाँ
मध्य प्रदेश बालाघाट 6 मई 2025 हाँ
झारखंड धनबाद 3 मई 2025 हाँ
छत्तीसगढ़ बिलासपुर 5 मई 2025 हाँ
राजस्थान बीकानेर 7 मई 2025 हाँ
ओडिशा कटक 4 मई 2025 हाँ
आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा?
इस नियम का सबसे बड़ा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो हर दिन डिजिटल माध्यम से पेमेंट करते हैं। खासकर युवा वर्ग और ऑफिस जाने वाले लोग जो आमतौर पर कार्ड या मोबाइल वॉलेट से भुगतान करते हैं।
अब पेट्रोल भरवाने से पहले कैश रखना जरूरी हो गया है।
अगर आपके पास कैश नहीं है, तो आपको पेट्रोल पंप पर असुविधा हो सकती है।
UPI या कार्ड से भुगतान करने की आदत वाले लोगों को शुरू में दिक्कत होगी।
कई लोग जो देर रात ट्रैवल करते हैं और ATM आसपास नहीं होता, उन्हें भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
कुछ दिन पहले की बात है, मैं अपने स्कूटर से ऑफिस जा रहा था। रास्ते में पेट्रोल खत्म होने लगा तो पास के पेट्रोल पंप पर रुक गया। हमेशा की तरह फोन निकाला और UPI स्कैन करने लगा। तभी पंप वाले ने बोला, “भाईसाहब, अब सिर्फ कैश चलता है, डिजिटल पेमेंट बंद है।” मेरे पास कैश नहीं था और ATM भी दूर था। करीब 40 मिनट लग गए पैसे लाने में। तभी एहसास हुआ कि यह बदलाव आम आदमी की दिनचर्या को कितना प्रभावित कर सकता है।
इस नियम के पीछे कई वजहें बताई जा रही हैं:
डिजिटल फ्रॉड: पेट्रोल पंप पर QR कोड से छेड़छाड़ के कई मामले सामने आए हैं।
नेटवर्क इश्यूज: ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर नेटवर्क न होने के कारण पेमेंट फेल हो जाते थे।
लेन-देन की निगरानी: नकद भुगतान से सरकार को लेन-देन पर बेहतर निगरानी रखने का मौका मिलता है।
इस स्थिति में क्या करें? – उपयोगी सुझाव
ऐसी स्थिति में परेशानी से बचने के लिए नीचे दिए गए सुझावों को अपनाएं:
हमेशा थोड़ी नकदी अपने पास रखें, खासकर यात्रा पर निकलते समय।
पेट्रोल पंप पर जाने से पहले ATM का लोकेशन चेक कर लें।
अगर आपको नियम के बारे में जानकारी नहीं है, तो पेट्रोल पंप कॉल करके कंफर्म कर लें।
वाहन में पेट्रोल आधा होने पर ही भरवा लें ताकि अंतिम समय की परेशानी न हो।
आने वाले दिनों में क्या हो सकता है?
सरकार ने संकेत दिया है कि यह फैसला स्थायी नहीं है। यदि यह नियम सफल रहता है और डिजिटल फ्रॉड की घटनाएं कम होती हैं तो:
इसे देशभर में लागू किया जा सकता है।
या फिर डिजिटल पेमेंट को नए सुरक्षा मानकों के साथ वापस लाया जा सकता है।
सरकार UPI ट्रांजैक्शन के लिए मजबूत सुरक्षा तंत्र पर काम कर रही है।
यह नया नियम दिखाता है कि सरकार सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर कितनी गंभीर है। हालांकि इससे आम जनता को थोड़ी असुविधा जरूर हो रही है, लेकिन लंबे समय में यह बदलाव फायदेमंद हो सकता है। हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए और अपनी आदतों में थोड़े बदलाव करने होंगे। आखिरकार, सुविधा और सुरक्षा दोनों का संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
अगर आपने अभी तक इस नियम के बारे में नहीं सुना था, तो अब से ही अपनी जेब में थोड़ा कैश रखना शुरू कर दीजिए – क्योंकि अगली बार पेट्रोल पंप पर सिर्फ कैश ही चलेगा।
