मध्यप्रदेश:– दान करना सनातन धर्म में सबसे श्रेष्ठ कर्म माना गया है. लेकिन शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि यदि दान के बाद कुछ नियमों का पालन न किया जाए तो उसका फल कम हो जाता है या व्यर्थ चला जाता है. आइए जानते हैं दान करने के तुरंत बाद कौन-सी चीजें नहीं करनी चाहिए.
दिखावा या घमंड न करें: दान के बाद अक्सर लोग अपनी उदारता का बखान करने लगते हैं. धर्मशास्त्र कहते हैं कि दान का फल तभी मिलता है जब वह गुप्त और निष्काम भाव से किया जाए.
दान की निंदा न करें: किसी को दान देकर यह कहना कि मैंने तुझे दिया है या उसका उपहास करना बड़ा पाप माना गया है. इससे दान का पुण्य नष्ट हो जाता है.
क्रोध और कलह से बचें: दान करने के तुरंत बाद झगड़ा करना, अपशब्द कहना या मन में द्वेष रखना अशुभ माना गया है. दान के बाद मन को शांत और प्रसन्न रखना चाहिए.
अशुद्ध आचरण न करें: दान देकर शराब, मांसाहार या अन्य वर्जित कार्यों में लग जाना पुण्य को नष्ट कर देता है. इस समय सात्विकता और संयम बनाए रखना जरूरी है.
दान की वापसी न करें: किसी को दिया गया दान बाद में वापस लेना या उसका हिसाब मांगना शास्त्रों के अनुसार गंभीर दोष है.
