नई दिल्ली:- आप हर काम तभी कर सकते हैं जब आप स्वस्थ हों. स्वस्थ रहने के लिए अच्छी जीवनशैली, योग, व्यायाम और संतुलित आहार बेहद जरूरी होता हैं. हालांकि, मनमाने खानपान, संक्रमण और खराब जीवनशैली के कारण कई लोग कई बीमारियों का शिकार हो जाते हैं. जब उनकी सेहत में सुधार नहीं होता, तो कई लोग डॉक्टर से सलाह लेते हैं और उचित जांच करवाते हैं. बीमारी का पता चलने पर डॉक्टर संबंधित दवा लिखते हैं.
दवा लेने से बीमारियों से लड़ने में मदद मिल सकती है. हालांकि, कभी-कभी कुछ लोगों में यह दवा साइड इफेक्ट्स का कारण बन सकती है. बहुत से लोग यह नहीं जानते कि ऐसा क्यों होता है. कई लोग फलों के रस, दूध और छाछ के साथ दवा लेते हैं. हालांकि, विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि यह सही तरीका नहीं है. ऐसी संभावना है कि आप दवा के साथ या बाद में जो खाद्य पदार्थ लेते हैं, वे उनके साथ प्रतिक्रिया कर सकते हैं. इससे साइड इफेक्ट्स होते हैं. आप जो खाना खाते हैं, उसका दवा पर असर हो सकता है. आइए पोषण विशेषज्ञ श्रीलता से जानते हैं कि दवा लेते समय या उसके बाद कौन से खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए.
अंगूर के रस साथ ना लें कोई भी दवा
पोषण विशेषज्ञ श्रीलता के मुताबिक, अंगूर के रस को किसी भी दवा के साथ नहीं लेना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि यह लगभग सभी प्रकार की दवाओं के साथ नकारात्मक प्रतिक्रिया कर सकता है. ओमान मेडिकल जर्नल के अनुसार, अंगूर का रस शरीर में दवाओं के चयापचय के तरीके को बदल देता है. इससे दवा के काम करने की क्षमता प्रभावित होती है. अंगूर का रस स्टैटिन और कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स के साथ अधिक प्रतिक्रिया करता है .इससे ब्लड प्रेशर प्रभावित होता है. इसके अलावा, पेट दर्द, उल्टी, पसीना आना, सिरदर्द और हार्ट रेट बढ़ने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं.
ब्रोकली, पालक और केले के साथ ना लें खून पतला करने वाली दवा
पोषण विशेषज्ञ श्रीलता के मुताबिक, वारफेरिन एक दवा है जिसका इस्तेमाल ब्लड क्लॉट बनने से रोकने के लिए किया जाता है. हालांकि, इस दवा का सेवन करने वाले लोगों को ब्रोकली, पालक और केल का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए. क्योंकि इनमें विटामिन K की मात्रा अधिक होती है. इसलिए, इनके साथ वारफेरिन दवा का असर ठीक से नहीं होगा. इसके अलावा, विटामिन K रक्त का थक्का बनने में मदद करता है. ऐसे में, विटामिन K की अधिक मात्रा लेने से खून पतला करने वाली दवाओं का असर कम हो सकता है.
क्रैनबेरी के साथ ना लें वारफेरिन दवा
क्रैनबेरी जूस वारफेरिन के साथ भी प्रतिक्रिया करता है. वारफेरिन ले रहे बुजुर्गों को क्रैनबेरी जूस नहीं लेना चाहिए. ऐसा इसलिए है क्योंकि यह बुजुर्गों में INR के स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे ब्लीडिंग हो सकता है. अध्ययनों से पता चलता है कि क्रैनबेरी जूस में मौजूद कंपाउंड वारफेरिन को तोड़ने वाले एंजाइम के साथ रियेक्ट कर सकता है. इससे रक्त के थक्के बनने का खतरा बढ़ सकता है.
खाने के दौरान या बाद में इन चीजों का सेवन न करें
दवा लेते समय या बाद में, गलती से भी, पनीर, रेड वाइन या ज्यादा पके केले खाने से बचें. इन खाद्य पदार्थों में टायरामाइन की मात्रा अधिक होती है. इससे ब्लड प्रेशर में खतरनाक वृद्धि हो सकती है. इसे “चीज रिएक्शन” कहते हैं. डिप्रेशन के इलाज में इस्तेमाल होने वाले मोनोमाइन ऑक्सीडेज इनहिबिटर, टायरामाइन को तोड़ने वाले एंजाइम को अवरुद्ध कर देते हैं. इससे दवा बेअसर हो जाती है. ये खाद्य पदार्थ कुछ एंटीबायोटिक दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकते हैं, जिससे पेट खराब, उल्टी, पसीना, सिरदर्द और हार्ट रेट बढ़ सकती है.