रायपुर:– क्रॉस लेग करके बैठना, यानी एक पैर के ऊपर दूसरा पैर रखकर बैठना, कई लोगों को सहज और आत्मविश्वास भरा लगता है, खासकर प्रोफेशनल या सोशल माहौल में. लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स और रिसर्च के अनुसार, इस आदत के कई नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं, खासकर जब आप लंबे समय तक इसी मुद्रा में बैठे रहते हैं. आइए जानते हैं क्रॉस लेग करके बैठने से शरीर को क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं.
ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है: जब आप एक पैर को दूसरे के ऊपर रखते हैं, तो यह रक्त प्रवाह को बाधित करता है. इससे निचले अंगों में रक्त का दबाव बढ़ सकता है, जो समय के साथ हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है.
वेरिकोज वेन्स का खतरा: लंबे समय तक पैर पर पैर रखकर बैठने से नसों पर दबाव बढ़ता है, जिससे पैरों की नसें फूलने लगती हैं, जिसे वेरिकोज वेन्स कहा जाता है. इससे पैरों में दर्द, जलन और भारीपन की शिकायत हो सकती है.
पोश्चर संबंधी समस्याएं: लगातार क्रॉस लेग बैठने से शरीर का संतुलन बिगड़ता है और रीढ़ पर गलत दबाव पड़ता है, जिससे पीठ दर्द, गर्दन में जकड़न, हिप्स में असमानता जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
नर्व कम्प्रेशन और सुन्नता: इस मुद्रा में पेरोनियल नर्व पर दबाव पड़ सकता है, जिससे पैर या पंजे में झनझनाहट या सुन्नता महसूस हो सकती है. लंबे समय तक ऐसा होना नर्व डैमेज की ओर इशारा कर सकता है.
पेल्विक हड्डियों का असंतुलन: बार-बार एक ही पैर को ऊपर रखने से हिप्स असिमेट्रिकल हो सकते हैं, जिससे शरीर का बैलेंस खराब होता है और चलने-फिरने में समस्या हो सकती है.
क्या करना चाहिए?
सही मुद्रा में बैठें – सीधे बैठें, दोनों पैर जमीन पर रखें.
घंटे में एक बार उठें – थोड़ा चलें-फिरें, खिंचाव करें.
फुटरेस्ट या कुशन का प्रयोग करें – पैरों को सपोर्ट देने के लिए.
एक ही मुद्रा में न बैठें – बार-बार पोश्चर बदलते रहें.