नई दिल्ली:– ज्वार, बाजरा, रागी, चना को मोटा अनाज कहा जाता है, लेकिन ये सिर्फ इतने तक ही सीमित नहीं है बल्कि इन्हें सर्दियों का सुपरफूड भी कहा जाता है. वो इसलिए भी क्योंकि इनमें प्रोटीन, आयरन, फाइबर और कैल्शियम की मात्रा ठीक ठाक होती है. नाम भले ही मोटा है लेकिन एक्सपर्ट मानते हैं कि इन्हें खाकर शरीर फैलता नहीं है यानि आप मोटे नहीं होते लेकिन सेहतमंद जरूर होते हैं. ये पाचन को बेहतर बनाते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत रखते हैं. आइए जानते हैं कि सर्दियों में इन मोटे अनाजों को अपनी डाइट में कैसे शामिल करें और इनके फायदे क्या हैं.
बाजरा
यह सर्दियों में शरीर को गरमाहट प्रदान करता है. बाजरे में भरपूर मात्रा में फाइबर, आयरन, कैल्शियम और जिंक पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है. यह डायबिटीज, दिल की बीमारियों और पाचन संबंधी समस्याओं से निपटने में भी मदद करता है. ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है और वजन भी काबू में रखता है. सर्दियों के मौसम में बाजरे की खिचड़ी, पराठा और ढोकला बनाकर खा सकते हैं.
ज्वार
ज्वार का सेवन भी सर्दियों में स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. इसमें प्रोटीन, आयरन, फाइबर और कैल्शियम जैसे जरूरी पोषक तत्व होते हैं. ज्वार खासतौर से वजन घटाने में मदद करता है यह ग्लूटेन-फ्री डाइट के लिए भी आइडियल है. ज्वार को खाने से हृदय स्वास्थ्य बेहतर रहता है और ब्लड में कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कंट्रोल रहता है. ज्वार की रोटियां, ज्वार का उपमा और ज्वार का हलवा सर्दियों में आराम से खाया जा सकता है.
रागी
रागी की गिनती भी मोटे अनाज के रूप में होती है, यह सर्दियों में शरीर को गर्मी प्रदान करता है. वजन को कंट्रोल करने में मदद करता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है. रागी का सेवन मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने और ब्लड शुगर लेवल की मात्रा को कंट्रोल करने में भी सहायक है.
उड़द दाल
उड़द दाल भी मोटे अनाजों के श्रेणी में आती है और सर्दियों में इसके सेवन से शरीर को एक्स्ट्रा एनर्जी मिलती है. इसमें प्रोटीन, फाइबर और आयरन की भरपूर मात्रा होती है. उरद दाल पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है. इसके सेवन से शरीर में खून की कमी भी पूरी होती है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है.
चने
चने में प्रोटीन, फाइबर और जिंक की भरपूर मात्रा होती है. यह पाचन को दुरुस्त रखने, हार्ट डिजीज से बचाव और शरीर के तापमान को संतुलित रखने में सहायक है.
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में 2016 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक ये कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और लिपिड से भरे होते हैं, साथ ही बायोएक्टिव सुरक्षात्मक फाइटोकेमिकल्स और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. जब कच्चे या केवल कम प्रोसेस्ड खाए जाते हैं, तो वे आमतौर पर पाचन प्रक्रिया के दौरान लंबे समय तक अपने फूड स्ट्रक्चर को बरकरार रखते हैं..
तो इस तरह ये सुपरफूड शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करता है और शरीर की एनर्जी को बनाए रखता है तो पेट को भी दुरुस्त रखता है. इसके अलावा, यह अनाज त्वचा और बालों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होते हैं.