नई दिल्ली :- ज्यादातर लोग सुबह उठते ही सबसे पहले अपने दांतों पर ब्रश करते हैं. इसके लिए अधिकांश लोग टूथपेस्ट का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि आप जो टूथपेस्ट इस्तेमाल करते हैं, वह वेज है या नॉन-वेज? जी हां, टूथपेस्ट में भी दो इंग्रेडिएंट्स होते हैं, वेज और नॉन-वेज. बता दें, टूथपेस्ट बनाने में कई तरह के इंग्रेडिएंट्स और केमिकल्स का इस्तेमाल होता है. जो हमारे दांतों की सुरक्षा करता है. साथ ही, मुंह को फ्रेश रखने में भी मदद करता है.
टूथपेस्ट खरीदते समय ज्यादातर लोग उसमें इस्तेमाल किए गए इंग्रेडिएंट्स से अधिक उसके स्वाद, ब्रांड और चमक पर ध्यान देते हैं. बहुत कम लोग इस बात पर ध्यान देते हैं कि टूथपेस्ट में क्या इस्तेमाल किया गया है. बहुत से लोग सिर्फ शाकाहारी भोजन का ही इस्तेमाल करते हैं और मांसाहारी भोजन से दूर रहते हैं. इसलिए, हम सभी को यह जरूर पता होना चाहिए कि टूथपेस्ट शाकाहारी है या मांसाहारी, जानें कैसे चलेगा पता कि टूथपेस्ट शाकाहारी है या मांसाहारी?
टूथपेस्ट शाकाहारी है या मांसाहारी
इस बात पर काफी बहस होती है कि टूथपेस्ट शाकाहारी है या मांसाहारी. कई विशेषज्ञों का कहना है कि टूथपेस्ट बनाने के लिए नॉनवेज इंग्रेडिएंट्स की जरूरत नहीं होती है. टूथपेस्ट में अक्सर फ्लोराइड, ह्यूमेक्टेंट्स (ग्लिसरीन) और अपघर्षक जैसे केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है. कई कंपनियां अपने टूथपेस्ट में जानवरों की हड्डियों से निकाले गए उत्पादों का इस्तेमाल करती हैं. इससे यह संभावना बढ़ जाती है कि वह टूथपेस्ट मांसाहारी हो. इसके साथ ही टूथपेस्ट में अक्सर इस्तेमाल होने वाला ग्लिसरीन भी दो स्रोतों से बनता है. पहला शाकाहारी और दूसरा जानवरों की खाल से. आइए समझते हैं कि इस अंतर को कैसे पहचाना जाए…
पैकेजिंग पर क्या लिखा होता है
कई कंपनियां पैकेजिंग पर स्पष्ट रूप से बताती हैं कि उनके उत्पाद शाकाहारी हैं या नहीं. अगर किसी टूथपेस्ट की पैकेजिंग पर हरा बिंदु है, तो वह पूरी तरह से शाकाहारी है. उसमें कोई भी एनिमल प्रोडक्ट नहीं है. वहीं दूसरी ओर, अगर पैकेजिंग पर भूरा या लाल बिंदु है, तो वह मांसाहारी टूथपेस्ट है, जिसका अर्थ है कि उसके निर्माण में एनिमल प्रोडक्ट्स का उपयोग किया गया है. कुछ ब्रांड ऐसे प्रतीकों का उपयोग करते हैं जो स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि वे शाकाहारी हैं. शाकाहारी का अर्थ है कि किसी भी Animal-derived इंग्रेडिएंट्स का उपयोग नहीं किया गया है.
टूथपेस्ट में क्या-क्या इस्तेमाल हुआ है, इसकी जांच करें
टूथपेस्ट बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का प्रतिशत उसकी पैकेजिंग पर लिखा होता है. यह जानकारी उपभोक्ताओं को यह जानने में मदद करती है कि वे क्या इस्तेमाल कर रहे हैं. इसलिए इंग्रेडिएंट्स लिस्ट को ध्यान से पढ़ना जरूरी है.
ग्लिसरीन- अगर टूथपेस्ट की पैकेजिंग में वेजिटेबल ग्लिसरीन है, तो वह शाकाहारी है. वहीं, अगर सिर्फ ग्लिसरीन लिखा है, तो शायद वह एनिमल-बेस्ड है. कैल्शियम फॉस्फेट, जिलेटिन, और स्टीयरिक एसिड जैसे तत्व, अगर उनकी उत्पत्ति स्पष्ट रूप से नहीं बताई गई है, तो वे एनिमल-बेस्ड हो सकते हैं. इसलिए ऐसे में टूथपेस्ट खरीदते समय सावधानी बरतना जरूरी है.
ब्रांड वेबसाइट, ग्राहक सेवा: अगर आपकी उलझन अभी भी दूर नहीं हुई है, तो आप टूथपेस्ट बनाने वाली कंपनी की वेबसाइट देख सकते हैं. ज्यादातर ब्रांड अपनी ऑफिसियल वेबसाइट पर अपने प्रोडक्ट और उसके निर्माण की जानकारी देते हैं. ब्रांड की ग्राहक सेवा हेल्पलाइन पर संपर्क करके भी इन शंकाओं का समाधान किया जा सकता है.
शाकाहारी प्रमाणित ब्रांड : आजकल कई कंपनियां विशेष रूप से शाकाहारियों के लिए टूथपेस्ट बना रही हैं. ऐसे ब्रांड स्पष्ट रूप से बताते हैं कि उनके उत्पाद शाकाहारी हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि केवल प्लांट बेस्ड इंग्रेडिएंट्स वाले ब्रांड चुनने से आप किसी भी तरह के स्ट्रेस से बच सकते हैं.