मध्यप्रदेश:– दांत किटकिटाना यह वास्तव में एक आम लेकिन अक्सर नजरअंदाज की जाने वाली समस्या है, जिसे लोग कई बार अंधविश्वास या आदत समझकर टाल देते हैं. चलिए विस्तार से समझते हैं कि दांत किटकिटाने की असली वजह क्या होती है और यह शरीर और मानसिक स्वास्थ्य पर कैसे असर डालती है.
दांत किटकिटाना क्या है?
यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति अनजाने में अपने दांतों को आपस में रगड़ता या दबाता है, विशेषकर नींद के दौरान. यह दो प्रकार का हो सकता है:
मुख्य कारण
तनाव और चिंता – मानसिक तनाव या चिंता की वजह से यह आदत बन जाती है.
नींद संबंधी विकार – जैसे नींद में चलना, खर्राटे लेना या स्लीप एपनिया.
दांतों की असमान बनावट – जब दांत सही तरीके से एक-दूसरे पर फिट नहीं होते.
जीवनशैली की आदतें – जैसे अधिक कैफीन, शराब या नशे का सेवन.
न्यूरोलॉजिकल स्थितियाँ – कुछ मामलों में यह पार्किंसन या एडीएचडी जैसी बीमारियों से भी जुड़ा हो सकता है.
इसके नुकसान
दांतों का टूटना या घिस जाना
जबड़े में दर्द और अकड़न
सिरदर्द या कान में दर्द जैसा महसूस होना
नींद की गुणवत्ता पर असर
TMJ डिसऑर्डर से संबंधित समस्या
उपचार और समाधान
डेंटल गार्ड – दांतों की रक्षा के लिए नाइट गार्ड पहनना.
तनाव प्रबंधन – मेडिटेशन, योग या काउंसलिंग से राहत मिल सकती है.
दवाएं – जरूरत पड़ने पर डॉक्टर दवाएं भी सुझा सकते हैं.
दांतों की जांच – किसी अच्छे डेंटिस्ट से रेगुलर चेकअप करवाना.
लाइफस्टाइल में सुधार – कैफीन और शराब से दूरी, नींद का नियमित पैटर्न अपनाना.