प्रेग्नेंट महिलाएं 9 महीनों के दौरान खानपान से जुड़ी सावधानियां बरतने के साथ ही डेली रूटीन भी अच्छा रखें तो एक हेल्दी प्रेग्नेंसी के साथ ही डिलीवरी के वक्त भी कॉम्प्लिकेशन के चांस काफी कम हो जाते हैं. कुछ ऐसे योगासन हैं जो प्रेग्नेंसी के दौरान किया जाएं तो महिलाओं को काफी फायदा मिलता है और नॉर्मल डिलीवरी की संभावना भी बढ़ जाती है. इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान सुबह या शाम का कुछ मिनट योगा करने के लिए जरूर निकालना चाहिए.
कुछ मिनट का प्राणायाम दिमाग को रखेगा शांतप्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर महिलाओं को मूड स्विंग, घबराहट जैसी समस्याएं होती हैं. इन समस्याओं से छुटकारा पाने और हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए रोजाना सुबह कुछ मिनट भ्रामरी, अनुलोम-विलोम जैसे प्राणायाम करना चाहिए. इससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है और आपका मस्तिष्क शांत होता है.
तितली आसन प्रेग्नेंसी में है बेहद फायदेमंदप्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के लिए तितली आसन करना काफी फायदेमंद रहता है. इस योगासन से कूल्हे और जांघों की मांसपेशियों में लचीलापन आता है और ये रिप्रोडक्टिव अंगों को हेल्दी बनाता है. इस आसन को करने से प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली ब्लोटिंग की समस्या, पीठ-कमर दर्द, थकान से भी बचाव होता है
.मलासन से मिलता है महिलाओं को बेहद फायदानियमित रूप से मलासन का अभ्यास करना महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद रहता है और प्रेग्नेंसी के दौरान ये आपको हेल्दी रखने में तो मदद करेगा ही इससे डिलीवरी के लिए भी आपकी बॉडी तैयार होती है. इस आसन को करते वक्त रीढ़ की हड्डी, पेट, जांघों और पेल्विक एरिया की मांसपेशियां स्ट्रेच होती हैं.
शवासन दिलाएगा रिलैक्सइस आसन को करने के दौरान शरीर पूरी तरह से आराम की मुद्रा में रहता है. इसके लिए योगा मैट पर आराम से पीठ के बल लेट जाएं और पैरों व हाथों को ढीला छोड़ दें. इस आसन को करने से स्ट्रेस दूर होता है और फिजिकली बॉडी को रिलैक्स मिलने के साथ ही मेंटली में शांति महसूस होती है. प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली थकान, मूड स्विंग से राहत पाने के लिए यह योगासन बेस्ट रहता है. इस आसन को योगा रूटीन के सबसे लास्ट में करना चाहिए.
एक्सपर्ट की सलाह है जरूरीप्रेग्नेंसी के दौरान अगर योगासन कर रही हैं तो पहले किसी एक्सपर्ट की सलाह लें और किसी की देखरेख में आसन करें. पहले तीन महीनों तक योगासन करने से बचना चाहिए. प्रेग्नेंसी में रोज टहलना भी काफी फायदेमंद रहता है, लेकिन लगातार एक-डेढ़ घंटे टहलने की बजाय कुछ घंटों के अंतराल पर 10 और 15 मिनट के हिसाब से वॉक करनी चाहिए.