नई दिल्ली:- दुनिया में कोकेन का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ गया है। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों का मानना है कि 2021 में लगभग 2.2 करोड़ लोगों ने इस ड्रग का सेवन किया। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह संख्या न्यूयॉर्क की जनसंख्या से भी ज्यादा है। बता दें, ब्राजील में शोधकर्ताओं ने लोगों को नशे की लत से बचाने और छुटकारा दिलाने के लिए के लिए कोकेन वैक्सीन का परीक्षण किया है और दावा है कि इससे न सिर्फ युवा नशे से दूरी बना लेंगे, बल्कि दोबारा ड्रग्स की तरफ देखेंगे भी नहीं। आइए जानें।
यूरोप में कैनाबिस, यानी भांग के बाद कोकेन दूसरा सबसे सामान्य स्ट्रीट ड्रग है। इसे कोका की पत्तियों से निकाला जाता है और आमतौर पर पाउडर के रूप में सूंघा जाता है। बता दें, कि इसकी लत काफी ज्यादा तेजी से लगती है और इसकी वजह से शरीर का कोई हिस्सा हमेशा के लिए क्षतिग्रस्त हो सकता है।
कोकेन शरीर को उसकी क्षमता की अधिकतम सीमा तक ले जाता है। यही वजह है कि मैराथन दौड़ने जैसा शारीरिक असर पड़ता है। अगर कोई व्यक्ति इससे छुटकारा पाना चाहता है, तो उसे काफी ज्यादा शारीरिक और मानसिक तनाव झेलना पड़ता है। इस बीच ब्राजील के शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि कोकेन की लत से जूझ रहे लोगों को वैक्सीन से मदद मिल सकती है। यह वैक्सीन लोगों को नशीली दवाओं का सेवन करने से रोकेगी और नशे की लत के जोखिम को कम करने का काम भी करेगी।
जब कोकेन को पाइप के माध्यम से सूंघा या धूम्रपान किया जाता है, तो यह पदार्थ खून के जरिए तेजी से दिमाग तक पहुंच जाता है। वहां यह ड्रग शरीर को कई तरह के संदेशवाहक पदार्थों को छोड़ने के लिए उत्तेजित करता है, जिनमें डोपामाइन भी शामिल है। बता दें, कि कोकेन के सेवन से शरीर ज्यादा सक्रिय हो जाता है, हृदय पूरी क्षमता से पंप करता है, धमनियां संकरी हो जाती हैं। भूख-प्यास कम लगती है। इतना ही नहीं, स्थिति खराब होने पर दिल की धड़कन भी रुक सकती है।
कोकेन का सेवन करने के पांच मिनट बाद और तीस मिनट के बीच सबसे ज्यादा असर होता है। बर्लिन ड्रग थेरेपी एसोसिएशन के चिकित्सक हंसपीटर एकर्ट ने कहा, ऐसा महसूस होता है, जैसे सारी समस्याएं खत्म हो गई हों। फिर मस्तिष्क को इसकी लत लगने लगती है।
कोकेन वैक्सीन लेने वाले लोगों को कोकेन की अधिक मात्रा लेने का खतरा भी बढ़ सकता है। वैज्ञानिक मानते हैं, कि अगर आप ड्रग का सेवन करते हैं और आपको पहले की तरह ‘मजा नहीं आता, तो आप ओवरडोज ले सकते हैं। यूरोपियन मॉनिटरिंग सेंटर फॉर ड्रग्स एंड ड्रग एडिक्शन संस्थान से जुड़ी मारिका फेरी साफ करती हैं कि इसमें समय लगता है। वैक्सीन उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, जिनका इलाज जारी है। इससे ऐसे लोगों को कोई फायदा नहीं होगा जो इस लत को छोड़ने के लिए किसी तरह का परामर्श नहीं ले रहे हैं या इलाज नहीं करा रहे हैं।
ब्राजील के शोधकर्ताओं का मानना है कि उनकी बनाई वैक्सीन शरीर को ऐसे एंटीबॉडी बनाने के लिए प्रेरित करने वाली होनी चाहिए, जो कोकेन का इस्तेमाल होने पर उससे चिपक जाए। ऐसे में इस नशे के लिए जिम्मेदार तत्व, खून के जरिए दिमाग तक न पहुंच पाए। ब्राजील की फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ मिनस गेराइस के शोधकर्ता व विज्ञानी फ्रेडरिको गार्सिया के मुताबिक चूहों पर वैक्सीन का ट्रायल सफल रहा है, और इंसानों पर भी इसके सफल होने की पूरी उम्मीद है।