हमीरपुर: पड़ोसी जनपद जालौन के कदौरा थाना क्षेत्र के हरचन्दपुर गांव के अरविन्द का मासूम बच्चा कार्तिक निमोनिया की चपेट में आ गया था। बच्चे को पहले कदौरा के अस्पताल ले जाया गया जहां उसे हमीरपुर स्थित डिस्ट्रिक्ट सरकारी हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया। बीती शुक्रवार की रात बच्चे को यहां हॉस्पिटल लाया गया।
हॉस्पिटल के बालरोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष अपने आवास में आराम फरमा रहे थे। परिजन बच्चे को लेकर उनके आवास गए और बालरोग विशेषज्ञ ने बच्चे को देखने के बाद परिजनों से कहा कि इसे अस्पताल में भर्ती कराओ। 14 माह के बच्चे को आनन-फानन हॉस्पिटल की इमरजेंसी वॉर्ड में एडमिट कराया गया लेकिन इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर ने बच्चे का इलाज नहीं किया। इमरजेंसी में डॉक्टर अन्य मरीजों का इलाज करते रहे। बच्चे की हालत लगातार बिगड़ते देख परिजन दहाड़े मारकर रोने लगे फिर भी डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा।
बता दें कि इससे पहले इलाज को लेकर यहां हमीरपुर नगर के सभासद राजेश सिंह उर्फ लाला ठाकुर से अस्पताल की इमरजेंसी में डाँ.महेन्द्र सिंह से झड़पे हो गई थी जिस पर सभासद व छह अज्ञात लोगों के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा लिखा गया है।
हॉस्पिटल में साढ़े तीन घंटे तक तड़पता रहा मासूम
अरविन्द कुमार ने बताया कि अस्पताल के डॉक्टरों में मानवीय संवेदनाएं मर चुकी है। बालरोग विशेषज्ञ भी बच्चे का इलाज करने घंटो तक नहीं आए, जिसके कारण समय से इलाज न होने के कारण मासूम साढ़े तीन घंटे तक तड़पता रहा। आखिरकार बच्चे की मौत हो गई। पिता ने डॉक्टरों पर लापरवाही करने के आरोप लगाए हैं। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के सीएमएस डॉ. एसपी गुप्ता ने शनिवार को बताया कि बच्चे को निमोनिया था। उसे गंभीर हालत में लाया गया था। डॉक्टरों ने बेहतर से बेहतर इलाज किया है।