: जैसे-जैसे ठंड का प्रकोप बढ़ता है, वैसे ही कुछ लोगों को पाचन तंत्र की परेशानियां पेश आने लगती हैं. विंटर सीजन में शादी और पार्टीज का दौर काफी ज्यादा देखने को मिलता है जिससे पेट की समस्याओं में और इजाफा होने लगता है.सीके बिड़ला अस्पताल के कंसल्टेंट (गैस्ट्रोएंटरोलॉजी) डॉ. विकास जिंदल (Dr. Vikas Jindal) ने बताया कि वो कौन-कौन से फैक्टर्स हैं जो सर्दियों में हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम खराब कर सकते हैं
.1. फिजिकल एक्टिविटीज में कमी Iसर्दियों के मौसम में ज्यादातर लोग घर में दुबकर रहना पसंद करते हैं ताकि उन्हें ठंड न लग जाए, लेकिन इसकी वजह से फिजिकल एक्टिविटीज में कमी आने लगती है, जिसका सीधा असर डाइजेस्टिव सिस्टम पर पड़ता है. ये कब्ज और पेट फूलने का कारण बन सकता
2. डिहाइड्रेशन (Dehydration)विंटर्स में हमें भले ही ज्यादा पानी पीने की जरूरत महसूस नहीं होती, लेकिन इसके बावजूद खुद को हाइड्रेट रखना बेहद जरूरी है क्योंकि शरीर में पानी की कमी होने से डाइजेशन स्लो हो जाता है, जिससे पेट में भोजन तोड़ना और न्यूट्रिएंट एब्जॉर्ब करना मुश्किल हो जाता है.
3. डाइट में बदलवा (Changes in Diet)सर्दियों में अक्सर हमारे खाने-पीने की आदतों में बदलावा आता है. इस दौरान लोग ऐसे फूड्स का सेवन करना पसंद करते हैं जिनमें फैट्स, कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, इससे भले ही ये गर्मी और एनर्जी देता हो, लेकिन इनका अधिक सेवन पेट की गड़बड़ी और एसिड रिफलक्स को बढ़ा देता है. इससे बचने के लिए आप फाइबर रिच फूड्स खाएं जिनमें ताजे फलों और सब्जियों को शामिल करें.
4. सीजनल स्ट्रेस (Seasonal Stress)विंटर सीजन कई लोगों के लिए तनाव भरा होता है क्योंकि कम धूप की वजह से स्ट्रेस बढ़ता है और साथ ही ठंड कई लोगों के लिए पीड़ादायक हो सकता है. टेंशन में रहना डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए अच्छा नहीं होता, ऐसे में इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम समेत कई पेट की परेशानियां पैदा हो सकती हैं. ऐसे में योग और मेडिटेशन का सहारा लिया जा सकता है.
5. विटामिन डी कमी (Vitamin D Deficiency)इस बात से हम सभी वाकिफ हैं कि विटामिन डी की ज्यादातर जरूरत सनलाइट की जरिए पूरी हो जाती है, लेकिन सर्दियों के मौसम में दिन छोटा होता है और धूप भी कम निकलती है जिसकी वजह से शरीर में इस खास न्यूट्रिएंट की कमी होना लाजमी है. विटामिन डी की मदद से सिर्फ इम्यूनिटी बूस्ट होती है, बल्कि पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है.