नई दिल्ली:– कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर आई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने 30 करोड़ से अधिक सदस्यों के हित में बड़े बदलावों की घोषणा की है। अब कर्मचारी अपने PF खाते से कुल राशि का 75% तक निकाल सकेंगे, जबकि 25% राशि खाते में अनिवार्य न्यूनतम बैलेंस के रूप में बनी रहेगी। यह फैसला केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में हुई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में लिया गया।
PF निकासी के नियम हुए सरल
अब PF निकासी के लिए पहले जैसी जटिल प्रक्रिया नहीं रहेगी। EPFO ने 13 पुराने नियमों को हटाकर केवल 3 मुख्य श्रेणियों में निकासी की अनुमति दी है
व्यक्तिगत आवश्यकताएं – जैसे बीमारी, शादी या शिक्षा
आवास संबंधी जरूरतें – मकान खरीदने या निर्माण से जुड़ा खर्च
विशेष परिस्थितियां – प्राकृतिक आपदा, महामारी या बेरोजगारी
अब शिक्षा के लिए 10 बार और शादी के लिए 5 बार निकासी की जा सकती है। साथ ही न्यूनतम सेवा अवधि को घटाकर 12 महीने कर दिया गया है।
ब्याज का फायदा भी जारी
खाते में रखे 25% बैलेंस पर 8.25% कंपाउंडिंग ब्याज मिलता रहेगा। यानी सदस्य जब चाहे 75% राशि निकाल सकते हैं, जबकि बची हुई रकम पर ब्याज जुड़ता रहेगा।
बिना कारण बताए निकासी की सुविधा
EPFO ने अब यह नियम खत्म कर दिया है कि विशेष परिस्थितियों में निकासी के लिए कारण बताना जरूरी हो। अब सदस्य बिना कोई कारण बताए आपातकालीन निकासी कर सकेंगे।
डिजिटल रूप से होगा क्लेम सेटलमेंट
EPFO ने EPFO 3.0 डिजिटल फ्रेमवर्क को मंजूरी दी है, जिसके तहत ऑटोमेटिक क्लेम सेटलमेंट, क्लाउड-बेस्ड सिस्टम और मोबाइल ऐप जैसी आधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी। इससे PF निकासी की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और तेज़ होगी।
पेंशनर्स को भी राहत
EPS-95 पेंशनर्स अब अपना डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) घर बैठे जमा कर सकेंगे। यह सेवा पूरी तरह निःशुल्क होगी और इसकी लागत EPFO खुद वहन करेगा।