कोरबा, 20 फरवरी। छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में पुरैना और ढुरेना गांव के ग्रामीणों ने गेवरा-पेंड्रा रोड रेल कॉरिडोर निर्माण कार्य रूकवाया। किसानों के आरोप है कि अधिग्रहित कुछ जमीन और पेड़ों का मुआवजा उन्हें अभी तक नहीं मिला है।
ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए कॉरिडोर का कार्य कर रहे कर्मचारियों ने किसानों के मुआवजा प्रकरण का निराकरण होने तक रेल कॉरिडोर का कार्य स्थगित रखने आश्वासन दिया।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा यातायात व कोयला ढुलाई को आसान बनाने गेवरा-पेंड्रा रोड रेल कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए सैकड़ों गांवो के किसानों की हजारों एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है, जिनमें अधिकांश आदिवासी, कमजोर तबके से जुड़े किसानों की जमीनें अधिग्रहित हुई है जिनका किसानी ही मुख्य पेशा है।

किसानों के आरोप है कुछ बिना मुआवजा अधिग्रहित भूमि पर प्रशासन द्वारा पेड़ों की कटाई की खबर मिलते ही नुनेरा और ढुंनेरा दोनों गांवों के कई किसान कार्यस्थल पर पेड़ों की कटाई का विरोध करने पहुंचे ग्रामीणों का कहना था कि वन मंडल अधिकारी कटघोरा की कार्य प्रणाली संदेहास्पद दमनकारी है बिना मुआवजा का भुगतान किए पेड़ों की कटाई की जा रही है।
एकत्रित हुए किसानों ने आरोप लगाया है कि मुआवजा और रोजगार के लिए किसानों ने कई बार जिला प्रशासन का ध्यानआकर्षित किया है, लेकिन आज तक समस्या का निराकरण नहीं किया गया है ।

समस्या सुनने पहुंचे रेल कॉरिडोर कार्य कंपनी इंजीनियर अवधेश कुमार बिंद ने बताया शासन प्रशासन एवं कंपनी किसान अन्नदाताओं के हित को ध्यान में रखते हुए सक्षम अधिकारियों को अवगत करा उचित निर्णय के साथ विकास कार्य संपादित करेगी किसानों के छूटे पेड़ या जिनकी जमीनों के मुआवजे नहीं मिले या आवेदन प्रस्तुत करें ।प्राप्त आरोप पत्रों को सक्षम अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत कर उचित निर्णय दिलाने सार्थक प्रयास कर कार्य संचालित किया जाएगा।
रेल कॉरिडोर के काम को रोकने में शिवरतन सिंह कंवर, मोहपाल सिंह, कवल सिंह कंवर, समान सिंह कंवर, नीतु सिंह, दादू सिंह, पुरषोत्तम कंवर, रघु, संजय, रामगोपाल, नेपाल, अजित, हरि ओमसिंह, सोहनलाल, हेमंत व अन्य ग्रामीणों ने हिस्सा लिया।