नई दिल्ली:- 25 साल की सवीरा प्रकाश पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह के बुनेर ज़िले से चुनाव लड़ने वाली पहली हिंदू महिला बनने वाली हैं.
वो पीपल्स पार्टी ऑफ़ पाकिस्तान से बतौर उम्मीदवार खड़ी होंगी. पेशे से डॉक्टर सवीरा का मानना है कि अगले साल होने वाले इन चुनावों में उनका धर्म उनके लिए मुश्किल नहीं बनेगा.
ख़बर के अनुसार पीपीपी ने भी उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीट की बजाय जनरल सीट से टिकट दी है.
सवीरा प्रकाश ने अख़बार को बताया कि, न केवल बुनेर से बल्कि सामान्य सीट से चुनाव लड़ने वाली मैं शायद पहली अल्पसंख्यक महिला उम्मीदवार हूं. जिस दिन से मैंने नामांकन दाखिल किया है उस दिन से मैं ये कह रही हूं और गर्व महसूस कर रही हूं. लोगों से मुझे काफी प्यार मिल रहा है, उन्होंने मुझे ‘बुनेर की बेटी’ नाम तक दे दिया है.
लोग मुझे एक हिंदू महिला के रूप में नहीं, बल्कि यहां के पश्तून समुदाय के लोग पश्तून के रूप में पहचान रहे हैं.
सवीरा भारत और पाकिस्तान के लोगों के बीत मज़बूत आपसी संबंधों की समर्थक हैं. वो कहती हैं कि “धर्म के नाम पर लोगों को बांटना पुरानी बात हो गई है, हमें इन सबसे आगे बढ़ना होगा.
पाकिस्तान के इस प्रांत खै़बर पख़्तूनख़्वाह की सीमा अफ़ग़ानिस्तान से मिलती है. यहां की अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाओं के लिए चुनावी राजनीति में आना बेहद मुश्किल है. हाल के दिनों में यहां पाकिस्तानी सुरक्षाबलों और तालिबान के लड़ाकों के बीच झड़पें देखी गई हैं.
खै़बर पख़्तूनख़्वाह में बहुसंख्यक आबादी पश्तूनों की है, जबकि मात्र एक फ़ीसदी ही हिंदू हैं. पूरे पाकिस्तान की बात करें तो 2017 में की गई जनगणना के अनुसार पूरे देश में 44 लाख हिंदू हैं जो आबादी का कुल 2.15 फ़ीसदी है.
सवीरा प्रकाश के पिता ओम प्रकाश पीपीपी के सदस्य हैं. वो बुनेर में एक क्लिनिक चलाते हैं.पाकिस्तान में अगले साल आठ फरवरी को राष्ट्रीय और प्रांतीय चुनाव हैं. सवीरा बुरेन की पीके-25 सीट से उम्मीदवार हैं.
