रायपुर, 1 अप्रैल। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) रायपुर में प्रदेश का पहला निधि टेक्नोलाजी बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर बनाया जा रहा है। इसका निर्माण भारत सरकार के डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी की मदद से किया जाएगा। बताया जाता है कि इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों के इनोवेशन और इंटरप्रेन्योरशिप वेंचर्स का मदद करना है।
संस्थान को इसके लिए भारत सरकार की विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 7.95 करोड़ का अनुदान आवंटित किया गया हैं। इन्क्यूबेशन सेंटर के कार्यों का दिशा-निर्देश डिपार्टमेंट आफ साइंस आफ टेक्नोलाजी द्वारा निर्धारित शर्तो के अनुसार किया जाएगा।
इन्क्यूबेशन सेंटर का लक्ष्य पांच साल की अवधि में 70 नए वेंचर्स का प्रवेश कराना हैं। साथ ही 60 स्टार्टअप को निधि टेक्नोलाजी बिजनेस इन्क्यूबेशन के तहत फंडिंग उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा नवाचार और नई तकनीकी विकसित की जाएगी और इसके लिए विभिन्न सेमिनार एवं सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा।
इन्क्यूबेशन सेंटर के लिए टीम होगी गठित
इन्क्यूबेशन सेंटर के लिए एक टीम का गठन किया जाएगा, जिसमें क्वालिफाइड सीईओ, क्वालिफाइड इन्क्यूबेशन मैनेजर और अन्य सदस्य होंगे। जो इन्क्यूबेशन सेंटर के संचालन में अपनी भूमिका निभाएंगे। बता दें कि एनआइटी रायपुर में एन्ट्रीपिरीनियल मानसिकता के लिए पहल संस्थान के निदेशक डॉ. एएम रावाणी ने की थी।
इस क्षेत्र में बेहतर विकास के लिए 2018 में करियर डेवलपमेंट सेंटर का गठन किया गया था, जो बीते दो साल से डॉ. समीर बाजपेयी की अगुवाई में काम कर रही है। इसके फलस्वरूप संस्थान को बीते दो सालों से अटल रैंकिंग जो कि एन्ट्रीप्रिरीनियल के क्षेत्र में दी जाती है उसमें चार स्टार रेटिंग प्राप्त हुई है।
वहीं इसका निर्माण संस्थान में मौजूद गोल्डन टावर में किया जाएगा। इसको स्थापित कराने में संस्थान के एलुमनाई एसोसिएशन से जुडी डॉ. अनीता गुप्ता (1987 मैकेनिकल बैच) ने अहम रोल निभाया है।