नई दिल्ली
साल का पहला चंद्र ग्रहण लग चुका है. यह चंद्र ग्रहण रात 8 बजकर 44 मिनट से लेकर मध्य रात्रि करीब 1 बजकर 02 मिनट तक रहेगा. इस चंद्र ग्रहण की अवधि लगभग 4 घंटे 15 मिनट की होगी. यह चंद्र ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लग रहा है. चंद्र ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच से गुजरती है और चंद्रमा पर छाया डालती है. यह एक उपछाया चंद्र ग्रहण है.
ग्रहण काल में मंत्र जाप, स्तुति और ध्यान करना विशेष लाभकारी होता है. आप ग्रहण के दौरान ‘ओम नम: शिवाय’ या चंद्रमा के मंत्र का भी जाप कर सकते हैं. इस अवधि में की गई आराधना निश्चित रूप से स्वीकार होती है. यदि आप कोई मंत्र सिद्ध करना चाहते हैं या दीक्षा लेना चाहते हैं तो वह भी ग्रहण काल में काफी शुभ होता है. ग्रहण के बाद स्नान करके किसी निर्धन को कुछ न कुछ दान अवश्य करें.
साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई दिन यानी आज लगने वाला है. ज्योतिषाचार्य शैलेंद्र पांडेय के अनुसार, यह ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लगेगा. चंद्र ग्रहण 130 साल बाद बुद्ध पूर्णिमा के महासंयोग में लग रहा है. यह विशिष्ट ग्रहण न होकर एक उपछाया ग्रहण है. क्योंकि साल का पहला चंद्र ग्रहण तुला राशि में ही लग रहा है इसलिए इस राशि के लोगों को सावधान रहने की जरूरत है.
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि यह चंद्र ग्रहण 130 साल बाद बुद्ध पूर्णिमा के महासंयोग में लग रहा है. सूर्य ग्रहण की तरह चंद्र ग्रहण भी हमारे जीवन पर बड़ा प्रभाव डालता है. लेकिन यह उपछाया ग्रहण है इसलिए इससे लोगों के मन या शरीर पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. यानी इस चंद्रग्रहण को लेकर गर्भवती स्त्रियों, छात्रों या किसी भी व्यक्ति को कोई विचार करने की जरूरत नहीं है. यह भारत में दिखाई भी नहीं देगा इसलिए इस दौरान किसी प्रकार के सूतक का भी विचार नहीं करना होगा.