बलौदाबाजार:- बलौदाबाजार जिले के सिमगा में एक अवैध रूप से संचालित आरामिल पर वन विभाग ने ताबड़तोड़ छापा मारकर बड़ी कार्रवाई की है. बिना किसी वैध लाइसेंस के चल रही इस मिल में भारी मात्रा में कीमती लकड़ी का भंडार मिला, जिसे देखकर अधिकारी भी हैरान रह गए.
गौतम ट्रेडिंग कंपनी के नाम से चल रही थी जंगल लूट की फैक्ट्री: इस आरा मिल को राजीव ताम्रकार नामक व्यक्ति द्वारा संचालित किया जा रहा था, जो कोई भी वैध दस्तावेज पेश नहीं कर पाया. कार्रवाई डीएफओ गणवीर धम्मशील के सख्त निर्देशों पर की गई, जिसकी अगुवाई उप वनमंडलाधिकारी गोविंद सिंह ठाकुर और वन परिक्षेत्र अधिकारी बलौदाबाजार ने की.
मिल में लट्ठा, चिरान और जलाऊ लकड़ी का अंबार: छापे के दौरान अधिकारियों को वहां मिश्रित प्रजातियों की बड़ी संख्या में लट्ठे, चिरान और जलाऊ लकड़ियां मिलीं. जिनका कोई वैध रजिस्ट्रेशन या परमिट मौजूद नहीं था. इससे यह स्पष्ट हुआ कि जंगल से अवैध कटाई कर लकड़ी सीधे इस आरा मिल में लाई जा रही थी.
छत्तीसगढ़ काष्ठ चिरान अधिनियम के तहत मामला दर्ज: आरा मिल संचालक के खिलाफ छत्तीसगढ़ काष्ठ चिरान अधिनियम 1984 की धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है. साथ ही पूरी आरामिल को सील कर दिया गया है. इस कार्रवाई के साथ वन विभाग ने जंगल के दुश्मनों को स्पष्ट संदेश दे दिया है – अब कोई नहीं बचेगा!
डीएफओ का सख्त संदेश: डीएफओ गणवीर धम्मशील ने सख्त लहजे में कहा-“जिले में कोई भी अवैध काष्ठ कारोबार अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सभी रेंज अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखें और बिना किसी दबाव के कार्रवाई करें.
जागरूक नागरिकों से अपील: वन विभाग ने आम जनता से भी अपील की है कि यदि उन्हें अवैध शिकार, लकड़ी की तस्करी, अतिक्रमण या जंगल से जुड़ी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिले तो तुरंत वन विभाग को सूचना दें.
इन अधिकारियों ने निभाई बड़ी भूमिका: इस कार्रवाई में नीचे दिए गए अधिकारियों और कर्मचारियों की अहम भूमिका रही.
परिक्षेत्र अधिकारी: बसंत कुमार खाण्डेकर
उपवनक्षेत्रपाल: आशुतोष सिंह ठाकुर
वनरक्षक: केशरीलाल जायसवाल, मोतीलाल ध्रुव