नई दिल्ली:– देश के केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जतना पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता अमित शाह का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में रहने वाले एक गुजराती दंपति कुसुम बेन और अनिलचंद्र शाह के घर हुआ था। अमित शाह के दादा गायकवाड़ के बड़ौदा राज्य की एक छोटी सी रियासत मानसा में एक धनी व्यापारी (नगर सेठ) हुआ करते थे। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे एक व्यापारी वर्ग के लड़के ने सियासत की दुनिया में चाणक्य के रूप में अपने आप को स्थापित किया।
गृह मंत्री से पहले अमित शाह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारत के गुजरात राज्य के गृहमंत्री और भाजपा के महासचिव जैसे पदों पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं। साल 2019 में उन्होंने पहली गुजरात के गांधीनगर से लोकसभा चुनावों लड़ा और जीतकर संसद पहुंचे। इसके बाद उन्होंने 2024 में भी गांधी नगर से संसद बने।
गांव मनसा में हुई शुरुआती पढ़ाई
16 वर्ष की आयु तक, अमित शाह गुजरात में अपने पैतृक गांव मानसा में रहे और यहीं उनकी शुरुआती पढ़ाई हुई। उनकी प्राथमिक शिक्षा पूरी होने के बाद परिवार अहमदाबाद आ गया। उनकी मां का उनके जीवन पर गहरा प्रभाव था। वह एक कट्टर गांधीवादी थीं और उन्होंने उन्हें खादी पहनने के लिए प्रेरित किया।
युवा स्वयंसेवक से हुई सार्वजनिक जीवन की शुरुआत
अमित शाह का सार्वजनिक जीवन 1980 में शुरू हुआ। इस दौरान वह 16 साल के थे और वह युवा स्वयंसेवक के रूप में संघ में शामिल हुए थे। इस दौरान वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े रहे। 1982 में उन्हें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की गुजरात इकाई का संयुक्त सचिव बनाया गया। उन्होंने 1984 में नारायणपुर वार्ड के संघवी बूथ पर मतदान एजेंट के रूप में भाजपा के लिए भी काम किया। 1987 में वे भाजपा के युवा मोर्चा में शामिल हो गए। अमित शाह को समाज सुधारक नानाजी देशमुख के नजदीकर रहने और उनसे सीखने का अवसर मिला।
1989 में मिली बड़ी जिम्मेदारी
साल 1989 में अमित शाह भाजपा की अहमदाबाद इकाई के सचिव बने। इस दौरान, पूरे देश में श्री राम जन्मभूमि आंदोलन की हवा चल रही थी। उन्होंने श्री राम जन्मभूमि आंदोलन और बाद में एकता यात्रा में पार्टी द्वारा दी गई अपनी ज़िम्मेदारी का बखूबी निभाया। जब भी लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी गांधीनगर लोकसभा से चुनाव लड़े, तब अमित शाह ने उनके चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी बखूबी संभाली।
90 के दशक में हुई पीएम मोदी से मुलाकात
नब्बे के दशक में गुजरात में भाजपा तेजी से मजबूत हुई। इस दौरान वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात में भाजपा के संगठन सचिव के पद पर कार्यरत थे। ये वही समय था, जब अमित शाह और नरेंद्र मोदी संपर्क में आए। शाह गुजरात में पार्टी द्वारा शुरू किए गए सदस्यता अभियान को व्यापक बनाने और उसका दस्तावेजीकरण करने में पार्टी नेतृत्व के साथ जुड़े रहे।
1997 में पहली बार बने विधायक
साल 1997 में अमित शाह बीजेपी के युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बने। इसी साल, सरखेज विधानसभा उपचुनाव में, पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया और वे 25,000 मतों के अंतर से जीतकर पहली बार विधायक बने। तब से लेकर अमित शाह 2012 तक हर विधानसभा चुनाव जीतते रहे। 1998 में, वे गुजरात भाजपा के प्रदेश सचिव बने और एक वर्ष के भीतर ही उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष का दायित्व सौंप दिया गया।
गुजरात सरकार में बने मंत्री
नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात में 2002 में पहली बार हुए विधानसभा चुनावों में आयोजित ‘गौरव-यात्रा’ में पार्टी द्वारा शाह को एक महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी दी गई थी। भाजपा ने गुजरात विधानसभा चुनाव जीता और अमित शाह सरकार में मंत्री बने। वे 2010 तक गुजरात सरकार में महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे। उन्हें गृह, यातायात, मद्यनिषेध, संसदीय कार्य, विधि एवं आबकारी जैसे विभागों का दायित्व सौंपा गया।
2009 में, उन्हें नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुजरात क्रिकेट संघ का उपाध्यक्ष बनने का भी अवसर मिला। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, अमित शाह गुजरात क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बने। 2013 में भाजपा ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया।
2014 लोकसभा चुनाव में मिला यूपी का प्रभार
2014 के लोकसभा चुनावों में जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया, तो अमित शाह को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाकर भेजा गया। देश ने नरेंद्र मोदी के पक्ष में जनादेश दिया और भाजपा को उत्तर प्रदेश से 73 सीटें मिलीं और उसका वोट प्रतिशत 42% तक पहुंच गया। यह पार्टी के लिए एक शानदार सफलता थी और साथ ही शाह की रणनीतिक कुशलता का भी प्रमाण थी।
2014 में BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने अमित शाह
अमित शाह को 9 जुलाई 2014 को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। वह 2020 तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। वर्ष 2017 में, अमित शाह गुजरात से राज्यसभा सदस्य चुने गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में ओडिशा, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में भाजपा के विस्तार का श्रेय शाह को दिया जाता है। 1997 से 2017 तक गुजरात विधानसभा के सदस्य रहे अमित शाह ने 2019 में पहली बार गांधीनगर से लोकसभा चुनाव लड़ा और गांधीनगर से शानदार जीत हासिल की। उन्होंने 70 प्रतिशत वोट हासिल कर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 5 लाख 57 हजार वोटों के अंतर से हराया।
2019 में मिली गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी
2019 में अमित शाह देश के गृह मंत्री बने। इस दौरान केंद्र की मोदी सरकार ने देश की आंतरिक सुरक्षा को अभेद्य बनाने से जुड़े कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। वे अपनी अनुशासित कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। इतिहास के अध्ययन और अध्यात्म में उनकी विशेष रुचि है। तब से लेकर अब तक वह देश के गृह मंत्री हैं और आज भी पार्टी के लिए समर्पित कार्यकर्ता की तरह काम करते हैं।