नई दिल्ली:– अगर आप किसी टोल प्लाजा से 20 किलोमीटर के अंदर रहते हैं, तो सरकार की ओर से आपके लिए बड़ी राहत वाली सुविधा शुरू की गई है। अब आप सिर्फ ₹340 में एक मासिक पास बनवाकर पूरे महीने जितनी बार चाहें टोल पार कर सकते हैं, वो भी बिना एक्स्ट्रा चार्ज दिए।
FASTag से बार-बार कटने वाली राशि से मिलेगा छुटकारा
अक्सर जानकारी के अभाव में लोगों के FASTag से बार-बार राशि कट जाती है, जिससे वे गुस्सा और असुविधा का सामना करते हैं। लेकिन अब इस नए टोल नियम के तहत, यदि आप टोल के पास रहते हैं और 340 रुपये में पास बनवाते हैं, तो आपकी FASTag से कोई अतिरिक्त राशि नहीं कटेगी।
‘जितनी दूरी, उतना टोल’ नीति के तहत नई सुविधा लागू
सरकार ने सितंबर 2024 में “जितनी दूरी, उतना टोल” नीति लागू करने का फैसला किया था। इसके तहत GNSS ट्रैकिंग सिस्टम वाली गाड़ियों के लिए 20 किमी तक की यात्रा टोल-फ्री कर दी गई है। यह पॉलिसी जुलाई 2024 से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ नेशनल हाईवे पर लागू हो चुकी है।
यदि आप टोल से 20 किमी के दायरे में रहते हैं, तो ये है पास बनवाने की प्रक्रिया:
340 रुपये शुल्क देकर आप एक महीने का पास ले सकते हैं।
यह पास सिर्फ एक टोल प्लाजा के लिए वैध होगा।
हर महीने नए शुल्क के साथ रिन्यूवल कराना होगा।
जरूरी दस्तावेज:
पता प्रमाण (आधार, वोटर ID, बिजली बिल आदि)
गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC)
वैध FASTag अकाउंट
पासपोर्ट साइज फोटो (यदि मांगी जाए)
आवेदन प्रक्रिया:
टोल प्लाजा के प्रशासनिक कार्यालय जाएं
लोकल रेसिडेंट पास फॉर्म लें
सभी दस्तावेज लगाकर फॉर्म जमा करें
340 रुपये की फीस जमा करें (कैश/डिजिटल)
दस्तावेज जांच के बाद FASTag अपडेट या फिजिकल पास दिया जाएगा
इस पास से क्या-क्या फायदे मिलेंगे ?
पूरे महीने असीमित बार टोल पार करने की अनुमति
FASTag से कटौती नहीं होगी
ट्रैफिक में रुकावट और फाइनेंशियल लॉस से बचाव
घरेलू वाहन चालकों के लिए सीधी राहत
किसे नहीं मिलेगा यह पास ?
यह पास कुछ शर्तों के तहत ही मान्य है:
कमर्शियल गाड़ियों को यह सुविधा नहीं मिलेगी
जो वाहन 20 किमी से बाहर रजिस्टर्ड हैं, वे भी इस योजना के पात्र नहीं हैं
यह पास केवल एक टोल प्लाजा के लिए वैध है
सरकार की पहल स्थानीय लोगों के लिए सुविधाजनक यात्रा
सरकार की इस नीति का उद्देश्य स्थानीय निवासियों को राहत देना है, जो रोज़मर्रा के काम से बार-बार टोल पार करते हैं। इससे उन्हें अतिरिक्त वित्तीय बोझ से छुटकारा मिलेगा और डिजिटल ट्रैफिक सिस्टम भी अधिक प्रभावी होगा।