रायपुर:– आज गूगल अपना 27वां जन्मदिन मना रहा है. इंटरनेट इस्तेमाल करने वाला शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जो गूगल का नाम न जानता हो. एक समय था जब यह सिर्फ एक सर्च इंजन था, लेकिन आज यह मेल, ऑनलाइन विज्ञापन, क्लाउड स्टोरेज, वीडियो स्ट्रीमिंग और एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स तक में अपनी पहचान बना चुका है.
गूगल की शुरुआत कैसे हुई?
गूगल की कहानी शुरू हुई स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से, जब लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन पीएचडी की पढ़ाई कर रहे थे.
दोनों ने मिलकर एक सर्च इंजन बनाया, जिसका नाम सबसे पहले BackRub रखा गया था.
बाद में इस नाम को बदलकर Google कर दिया गया.
गूगल का डोमेन 15 सितंबर 1997 को रजिस्टर हुआ था, जबकि कंपनी को आधिकारिक तौर पर 4 सितंबर 1998 में रजिस्टर किया गया.
कंपनी ने अपने पहले बर्थडे का जश्न 27 सितंबर 1998 को मनाया, और तभी से हर साल 27 सितंबर को गूगल अपना बर्थडे सेलिब्रेट करता है.
क्यों है Google की स्पेलिंग गलत?
असल में गूगल की सही स्पेलिंग Googol है, जो गणित का एक टर्म है.
इसका मतलब होता है 1 के बाद 100 ज़ीरो यानी 10 की घात 100.
जब गूगल का नाम फाइनल किया गया तो स्पेलिंग गलती से बदलकर Google रह गई, और यही नाम बाद में दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी की पहचान बन गया.
गूगल की शुरुआती यात्रा
गूगल का पहला ऑफिस अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक छोटे से गैराज में था.
जैसे-जैसे कंपनी आगे बढ़ी, इसका हेडक्वार्टर माउंटेन व्यू, कैलिफोर्निया शिफ्ट किया गया, जिसे आज Googleplex के नाम से जाना जाता है
गूगल के बड़े प्रोडक्ट्स और अधिग्रहण
गूगल ने कई बड़े प्रोडक्ट खरीदे और उन्हें दुनिया तक पहुँचाया.
2005 में गूगल ने Android खरीदा, जो आज दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है.
2006 में कंपनी ने YouTube खरीदा, जो आज वीडियो स्ट्रीमिंग का सबसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म है.
चुनौतियां और मुकाबला
जहां गूगल का दबदबा बहुत बड़ा है, वहीं इसे कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है. TikTok और Amazon जैसे प्लेटफॉर्म्स ने यूजर्स के खोजने की आदतें बदल दी हैं. लोग अब सीधे वीडियो या प्रोडक्ट खोजते हैं. सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स ने गूगल की सर्च और विज्ञापन आय पर असर डाला.
नई टेक्नोलॉजी कंपनियों की एंट्री, जैसे AI स्टार्टअप्स और स्मार्ट एप्लिकेशन, गूगल के लिए निरंतर प्रतिस्पर्धा पैदा कर रही हैं. इसलिए गूगल को अपनी रणनीति बदलनी होगी, यूजर्स को नए तरीके से सेवाएं देनी होंगी और लगातार इनोवेशन करते रहना होगा.
गूगल से जुड़ी मजेदार और अनोखी बातें
गूगल ने अपने नाम के कई गलत स्पेलिंग वाले डोमेन रजिस्टर कर रखे हैं, ताकि टाइपिंग में गलती करने पर भी लोग सीधे Google.com पर पहुँच जाएं.
कंपनी के कर्मचारियों को Googlers कहा जाता है, वहीं नए कर्मचारियों को मज़ाकिया अंदाज में Nooglers कहा जाता है.
गूगल अपने दफ्तरों में कर्मचारियों को पालतू जानवर (Pets) लाने की अनुमति देता है.
गूगल पर कुछ खास ट्रिक्स भी मौजूद हैं, जैसे:
अगर आप “Do a barrel roll” सर्च करेंगे तो पूरा पेज 360 डिग्री घूम जाएगा.
“Askew” टाइप करने पर गूगल का पेज तिरछा दिखाई देगा.
वहीं “Google Gravity” टाइप करके “I’m Feeling Lucky” दबाने पर पूरा गूगल पेज बिखर कर नीचे गिर जाता है.
आज का गूगल
आज गूगल सिर्फ एक सर्च इंजन नहीं, बल्कि पूरी टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक लीडर कंपनी है. इंटरनेट से जुड़े ज्यादातर लोगों की पहली जरूरत गूगल है, और यही वजह है कि कंपनी हर साल नई टेक्नोलॉजी और नए टूल्स लाकर दुनिया को हैरान करती रहती है।