नई दिल्ली:– भारत में हाल ही में शुरू की गई सिम कार्ड की होम डिलीवरी सुविधा पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. दूरसंचार विभाग ने Airtel और Reliance Jio जैसी बड़ी टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश जारी कर इस सुविधा को तुरंत प्रभाव से रोकने के लिए कहा है. यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
Airtel ने हाल ही में ई-कॉमर्स डिलीवरी प्लेटफॉर्म Blinkit के साथ मिलकर घर बैठे 10 मिनट में सिम डिलीवरी की सेवा शुरू की थी. इसके लिए ग्राहकों से ₹49 का कंवीनियंस चार्ज भी लिया जा रहा था. इसी तरह, Reliance Jio भी 25 अप्रैल से यह सेवा शुरू करने वाला था. लेकिन अब उसे भी रोक दिया गया है.
सरकार को सेल्फ KYC पर आपत्ति
DoT ने स्पष्ट किया है कि सिम डिलीवरी से पहले आधार-आधारित KYC प्रक्रिया का पूरा होना अनिवार्य है. अभी तक कंपनियां ग्राहक के मोबाइल पर सेल्फ KYC के माध्यम से ही पहचान सत्यापन कर रही थीं. जिसे सुरक्षा के लिहाज से जोखिमपूर्ण माना गया है. विभाग के अनुसार सिर्फ ग्राहक द्वारा मोबाइल पर फॉर्म भरना पर्याप्त नहीं है.
Economic Times की रिपोर्ट के अनुसार, 16 अप्रैल को Reliance Jio ने DoT सचिव नीरज मित्तल को पत्र लिखकर बताया था कि वह Airtel जैसी सुविधा शुरू करना चाहता है. लेकिन DoT के नई गाइडलाइंस जारी करने के बाद कंपनी ने अपनी योजना को फिलहाल स्थगित कर दिया है.
KYC पूरा होने पर ही सक्रिय सिम की अनुमति
सरकार ने सभी कंपनियों को साफ तौर पर निर्देश दिया है कि कोई भी एक्टिव सिम तभी ग्राहकों को दी जाए जब KYC पूरी तरह से पहले ही हो चुकी हो. DoT के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “Airtel को निर्देश दिया गया है कि आधार आधारित KYC के बाद ही सिम कार्ड ग्राहक तक पहुंचाया जाए. ताकि सरकारी नियमों का उल्लंघन न हो.”
Airtel ने भी अपनी सेवा अस्थायी रूप से बंद की
DoT के आदेश के बाद Airtel ने भी अपनी सिम कार्ड की होम डिलीवरी सेवा को अस्थायी रूप से रोक दिया है. कंपनी अब अपनी प्रक्रिया की समीक्षा कर रही है और उसे सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार संशोधित करने में जुटी है. Airtel के प्रवक्ता ने कहा, “हम DoT के नियमों का पूरी तरह पालन करेंगे. लेकिन ग्राहक सुविधा को भी ध्यान में रखकर जल्द ही सेवा को दोबारा शुरू किया जाएगा.”
अब KYC में लगेगा अधिक समय
नई व्यवस्था के तहत अब ग्राहकों को सिम प्राप्त करने से पहले पूरा KYC प्रोसेस करवाना जरूरी होगा. जिससे प्रक्रिया थोड़ी धीमी हो सकती है. हालांकि इससे ग्राहकों की सुरक्षा और पहचान सत्यापन ज्यादा मजबूत होगा.
