मध्य प्रदेश:– सार्वजनिक वितरण प्रणाली में फर्जीवाड़ा रोकने व पात्र परिवार तक अनाज पहुंचाने के लिए सरकार फेस रिकॉगनिशन सिस्टम ला रही है। अभी तक ज्यादातर जगहों पर आधार आधारित ऑथेन्टिफिकेशन अंगूठे से किया जाता है, लेकिन कई बार इसमें दिक्कते आती है। बुजुर्गों के फिंगरप्रिंट मैच न होना, मशीन सही से पढ़ न पाना, या फिर फर्जी पहचान से सरकारी राशन निकालना। नए सिस्टम से ये स्थिति खत्म करने की कोशिश है।
भोपाल में अभी स्थिति
3.34 लाख परिवारों के पास अलग-अलग योजनाओंके राशन कार्ड हैं।
16.70 लाख लोगों के नाम पर राशन जारी हो रहा है।
5 किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिमाह राशन जारी हो रहा है।
83500 क्विंटल राशन 504 दुकानों
ग्राहक राशन लेने जाएगा तो पहले की तरह फिंगरप्रिंट लगाया जा सकेगा। अगर वह काम न करे तो फेस रिकॉगनिशन (चेहरे की पहचान) का विकल्प रहेगा।
राशन दुकान पर ई-पॉस मशीन या मोबाइल ऐप में कैमरा होगा। ग्राहक का चेहरा स्कैन होगा। यह डेटा सीचा आधार सर्वर से मैच होगा। रिकॉर्ड में व्यक्ति का फोटो पहले से मौजूद है। स्कैन किया मया चेहरा उस रिकॉर्ड से तुलना करेगा। अगर मैच हो गया तब ही उपभोक्ता की पहचान सत्यापित मानी जाएगी।
धीरे-धीरे फेस रिकॉगनिशन को अनिवार्य किया जा सकता है। मोबाइल ऐप के जरिये घर बैठे राशन(Ration Card) सत्यापन जैसी सुविधा भी जोड़ी जा सकती है।
यह होगा लाभ
फर्जी अंगूठे सिलिकॉन, रबर स्टैम्प से राशन निकालने की समस्या कम होगी।
बुजुर्ग, मजदूर, या जिनके फिंगरप्रिंट ठीक से नहीं मिलते उन्हें आसानी होगी।
पारदर्शिता बढ़ेगी और अनाजका लीकेज रुकेगा। पात्र हितग्राही ही योजना का लाभ ले सकेंगे।