नई दिल्ली :– देश की कमजोर और जरूरतमंद आबादी को सहारा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार नई पहलें करती रही हैं। इसी कड़ी में 1 सितंबर 2025 से वृद्ध, विधवा और विकलांग नागरिकों के लिए चल रही पेंशन योजनाओं में महत्वपूर्ण बदलाव लागू हो गए हैं। सरकार का दावा है कि इस सुधार से न केवल पेंशन राशि में इजाफा हुआ है बल्कि पूरी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सरल बना दिया गया है। लाखों नागरिकों को इस फैसले का सीधा लाभ मिलने वाला है।
पेंशन राशि में हुई बड़ी बढ़ोतरी
नई व्यवस्था के तहत अब अधिकांश राज्यों में वृद्ध और विधवा पेंशन की न्यूनतम राशि बढ़ाकर ₹4000 प्रति माह कर दी गई है। वहीं विकलांग और गंभीर स्थिति वाले लाभार्थियों को ₹6000 से लेकर ₹10,000 तक की मासिक आर्थिक सहायता दी जाएगी। पहले यह राशि बेहद कम थी, जिससे लाभार्थियों को बुनियादी जरूरतें पूरी करने में भी कठिनाई होती थी। बढ़ी हुई पेंशन राशि उनके जीवन स्तर को सुधारने में बड़ी भूमिका निभाएगी।
डिजिटल व्यवस्था से मिलेगा पारदर्शी लाभ
सरकार ने पेंशन योजनाओं को पूरी तरह डिजिटल कर दिया है। अब आवेदन से लेकर भुगतान तक की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। नागरिक समाज कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं, दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं और अपनी आवेदन स्थिति भी ट्रैक कर सकते हैं। पेंशन राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए सीधे बैंक खातों में भेजी जाएगी। इस कदम से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और लाभ समय पर मिलेगा।
पात्रता और आवश्यक दस्तावेज
इस योजना का लाभ केवल संबंधित राज्य के स्थायी निवासियों को मिलेगा, जिनका नाम गरीबी रेखा सूची में दर्ज है। वृद्ध पेंशन के लिए न्यूनतम आयु 60 वर्ष तय की गई है। विधवा और विकलांग नागरिकों को संबंधित प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। आवेदन के लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक, आयु/विकलांगता प्रमाण पत्र और पासपोर्ट साइज फोटो अनिवार्य रहेंगे। साथ ही आधार और बैंक खाते का लिंक होना जरूरी है।
जीवन प्रमाण पत्र और राज्यों में लागू व्यवस्था
पेंशनधारियों को हर साल जीवन प्रमाण पत्र जमा करना होगा, जो अब डिजिटल माध्यम से भी संभव होगा। सरकार समय-समय पर पात्रता सूची की समीक्षा करेगी ताकि अपात्र लोगों को लाभ से बाहर किया जा सके। वर्तमान में यह नई व्यवस्था महाराष्ट्र, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में लागू हो चुकी है। अन्य राज्यों में भी जल्द ही इसे लागू किया जाएगा। हालांकि पात्रता और दस्तावेजों को लेकर राज्यों की शर्तें थोड़ी अलग हो सकती हैं।
पेंशनधारियों को होंगे बड़े फायदे
नए सुधारों से पेंशनधारियों को नियमित और पर्याप्त आर्थिक सहायता मिलने का भरोसा बढ़ गया है। राशि सीधे बैंक खाते में पहुंचने से पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और भुगतान में देरी की समस्या खत्म होगी। डिजिटल आवेदन प्रणाली के कारण लाभार्थियों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने से राहत मिलेगी। हर साल पात्रता की जांच होने से केवल योग्य लोग ही योजना का लाभ ले पाएंगे। इन बदलावों से वृद्ध, विधवा और विकलांग नागरिकों को आर्थिक सुरक्षा और सामाजिक सहारा मिलेगा।