मध्यप्रदेश:– हाथ कांपना को हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं या तनाव का लक्षण मान लेते हैं, लेकिन असल में यह शरीर में कुछ जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स की कमी का संकेत भी हो सकता है. अगर यह कंपन लंबे समय तक बना रहे या धीरे-धीरे बढ़े, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं कि कौन-कौन से विटामिन और मिनरल्स की कमी हाथ कांपने की वजह बन सकती है.
विटामिन B12 की कमी
भूमिका – यह विटामिन नर्वस सिस्टम के सही कामकाज के लिए बेहद जरूरी है.
कमी के लक्षण – हाथ-पैरों में झनझनाहट, कमजोरी, बैलेंस की समस्या, स्मृति दोष, हाथ कांपना.
स्रोत – अंडा, दूध, दही, मांस, फोर्टिफाइड अनाज, सप्लीमेंट्स शाकाहारी लोगों के लिए.
मैग्नीशियम की कमी
भूमिका – मसल्स रिलैक्सेशन और नर्व सिग्नल्स को संतुलित रखने में मदद करता है.
कमी के लक्षण – मांसपेशियों में ऐंठन, थकान, चिड़चिड़ापन, हाथ कांपना, नींद न आना.
स्रोत – बादाम, पालक, कद्दू के बीज, केला, डार्क चॉकलेट.
पोटैशियम की कमी
भूमिका – मांसपेशियों की गति और नर्व कार्य के लिए आवश्यक.
कमी के लक्षण – कमजोरी, मांसपेशियों में झटके, दिल की धड़कन तेज होना, हाथ कांपना.
स्रोत – केला, नारियल पानी, आलू, पालक, संतरा.
कैल्शियम की कमी
भूमिका – नर्व और मांसपेशियों के बीच संचार में मदद करता है.
कमी के लक्षण – हाथों में कंपन, मांसपेशियों में ऐंठन, हड्डियों में दर्द या कमजोरी.
स्रोत – दूध, पनीर, दही, तिल, रागी, सोया उत्पाद.
विटामिन D की कमी
भूमिका – कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है और न्यूरो-मस्कुलर कार्य में सहायक है.
कमी के लक्षण – मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी, हड्डियों में नरमी, हाथ कांपना अप्रत्यक्ष रूप से.
स्रोत – धूप, अंडा, मशरूम, फोर्टिफाइड फूड्स, सप्लीमेंट्स.
विटामिन E की कमी कभी-कभी
भूमिका – एंटीऑक्सीडेंट के रूप में नर्व को क्षति से बचाता है.
कमी के लक्षण – नर्व डैमेज, मसल वीकनेस, कंपन.
स्रोत – सूरजमुखी के बीज, बादाम, पालक, एवोकाडो.
क्या करें?
ऐसे लक्षण नजर आएं तो ब्लड टेस्ट के ज़रिए इन विटामिन्स और मिनरल्स का स्तर जांचवाएं.
डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स लें.
संतुलित आहार लें जिसमें हरी सब्जियां, फल, नट्स, बीज, डेयरी और साबुत अनाज शामिल हों.
लंबे समय तक कंपन रहने पर न्यूरोलॉजिस्ट से जांच कराएं, ताकि अन्य संभावित कारण जैसे पार्किंसन्स, एंश्यलिटी डिसऑर्डर को भी जांचा जा सके.