भोपाल:– अगर इस समय आपको खांसी, जुकाम या बुखार है और वह कई दिनों तक बना हुआ है तो ये फ्लू हो सकता है. फ्लू, इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होने वाली बीमारी है. यह वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में खांसने और छींकने के दौरान फैलता है. फ्लू के लक्षण सामान्य से लेकर गंभीर भी हो सकते हैं और ये लंग्स में इंफेक्शन तक कर सकता है. भारत में हर साल इसके हजारों केस आते हैं और इससे कुछ मरीजों की मौत तक हो जाती है, हालांकि इससे बचाव आसानी से मुमकिन है.
कई गंभीर बीमारियों की तरह फ्लू से बचाव की वैक्सीन भी उपलब्ध है. जिसको लगाने से फ्लू संबंधित किसी भी बीमारी से 80 से 90 फीसदी तक बचाव हो सकता है. ये वैक्सीन किस नाम से आती है. कब इसको लगवा सकते हैं. किन अस्पतालों में लगती है और क्या कीमत है. ऐसे कई सवालों के जवाब जानेंगे, लेकिन पहले आपके लिए ये जानना जरूरी है कि फ्लू होता क्या है.
मायोक्लीनिक के मुताबिक, इन्फ्लूएंजा को फ्लू कहा जाता है. ये एक तरह का नाक, गले और लंग्स का इंफेक्शन है. ज्यादातर लोगों में ये खुद से ही ठीक हो जाता है लेकिन कई बार घातक हो सकता है. बच्चे, बुजुर्गों, इम्यून सिस्टम की कमजोरी या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित लोग फ्लू की चपेट में अधिक आते हैं. कई लोग इसे सामान्य फ्लू या सर्दी-जुकाम का बुखार मानकर नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन अगर आपको तीन दिन से ज्यादा बुखार या खांसी जुकाम है तो ये फ्लू हो सकता है. फिलहाल एक्सपर्ट्स आशंका जता रहे हैं कि आने वाले दिनों में इसके मामले बढ़ सकते हैं. ऐसे में अगर अभी फ्लू की वैक्सीन लगवा लें तो बचाव आसानी से हो सकता है.
क्या है फ्लू वैक्सीन?
लेडी हार्डिंंग मेडिकल कॉलेज एंड एसोसिएट हॉस्पिटल्स में मेडिसिन विभाग में एचओडी डॉ. एलएच घोटेकर बताते हैं कि फ्लू वैक्सीन एक टीका है जो इंजेक्शन के रूप में आपके हाथ पर लगाया जाता है. इसे साल में एक बार लगाया जाता है.
डॉ घोटेकर कहते हैं कि इंफ्लूएंजा वायरस अपना रूप बदलता रहता है इसलिए नए वायरस के स्ट्रेन के देखते हुए फ्लू वैक्सीन को हर साल अपडेट किया जाता है. इसलिए ही हर साल फ्लू वैक्सीन को लगवाने की सलाह दी जाती है. ताकि किसी भी तरह के नए स्ट्रेन से बचाव किया जा सके.
हालांकि वैक्सीन कोई गारंटी नहीं देती है कि आपको फ्लू कभी नहीं होगा, लेकिन यह ज़रूर तय करती है कि बीमारी गंभीर रूप न ले. सही समय पर हर साल एक डोज़ लगाकर आप अपने और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं. इस वैक्सीन को लगाने से फ्लू संबंधित किसी भी इंफेक्शन से 80 से 90 फीसदी तक बचाव किया जा सकता है.
हर साल 3 से 5 करोड़ लोग फ्लू से प्रभावित
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर साल एच1एन 1 फ्लू का एक प्रकार के औसतन 10 हजार से अधिक केस आते हैं. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हर साल मौसमी इन्फ्लूएंजा से दुनिया भर में 3 से 5 करोड़ लोग प्रभावित होते हैं.फिर भी देश में वयस्कों में फ्लू वैक्सीन का कवरेज बहुत कम है लगभग 1.5% ही इस टीके को लेते हैं. वहीं, हेल्थकेयर वर्कर्स में 8 से 34% ही इस टीके को लगवाते हैं. लोगों में जानकारी होने के बाद भी वैक्सीन की डोज न लेना फ्लू का शिकार होने की एक बड़ी वजह है. लगभग 60 से 70% लोग जानते हैं कि वैक्सीन मौजूद है, लेकिन टीकाकरण बहुत कम है.
भारत की पहली ट्रिवैलेण्ट इन्फ्लूएंजा वैक्सीन
ज़ायडस लाइफ़साइंसेज़ भारत की पहली ट्रिवैलेण्ट इन्फ्लूएंजा वैक्सीन लॉन्च कर चुका है. वहीं WHO ने ये सुझाव दिया है कि भारत के मौजूदा जैसे फ्लू स्ट्रेन वैक्सीन कम्पोज़िशन से अच्छी तरह मेल खाते हैं, जो कि वैक्सीन के असर को बढ़ाता है. इसके साथ ही भारत सरकार के नेशनल सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल ने भी 2025-26 सीज़न के लिए ट्रिवैलेण्ट इन्फ्लूएंजा वैक्सीन के उपयोग की सिफारिश की है.
फ्लू वैक्सीन कब लगवानी चाहिए?
मैक्स अस्पताल में हेमेटेलॉजिस्ट डॉ रोहित कपूर बताते हैं कि भारत जैसे देश में लगातार मौसम बदलते रहते हैं. बात करें फ्लू की तो फ्लू के मामले खासतौर पर बरसात और सर्दियों में तेजी से बढ़ते हैं. इसलिए डॉक्टर्स भी मानते हैं कि जुलाई से सितंबर यानी मानसून के समय फ्लू वैक्सीन को लगवाना चाहिए. दूसरा समय है इस फ्लू वैक्सीन को लगाने का वो है अक्टूबर से दिसंबर का. ये वो महीने होते हैं जिसमें सर्दियों की शुरुआत होती है.
भारत में फ्लू वैक्सीन कहां लगवाएं?
भारत में अधिकतर बड़े प्राइवेट अस्पतालों में ये आसानी से उपलब्ध होती है. बड़े शहरों में सरकारी अस्पतालों में फ्लू वैक्सीन लग जाती है और इसकी कीमत 1 हजार से लेकर 2500 रुपये के बीच तक भी है.