नई दिल्ली:– पंजाब सरकार को हाईकोर्ट की सख्त फटकार के बाद आखिरकार आयुष्मान भारत स्कीम के तहत निजी अस्पतालों का बकाया चुकाने के लिए तैयार होना पड़ा है।
सरकार ने हाईकोर्ट को आश्वासन दिया है कि राज्य के सभी निजी अस्पतालों का 31 दिसंबर 2024 तक का बकाया भुगतान 21 मार्च 2025 तक कर दिया जाएगा।
अस्पताल कर रहे हैं वित्तीय संकट का सामना
पिछले दो वर्षों से पंजाब सरकार आयुष्मान भारत योजना के तहत निजी अस्पतालों को भुगतान नहीं कर रही थी जिससे कई अस्पतालों को भारी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस देरी को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जब हाईकोर्ट ने सरकार से विज्ञापनों पर किए गए करोड़ों रुपये के खर्च का ब्योरा मांगा, तो सरकार ने आखिरकार बकाया राशि जारी करने की सहमति दे दी।
हालांकि शुरू में सरकार ने इस राशि को जारी करने के लिए तीन महीने का समय मांगा था लेकिन कोर्ट ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार भुगतान में और देरी करती है तो वित्त सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। इस चेतावनी के बाद पंजाब सरकार ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि एक महीने के भीतर यह राशि जारी कर दी जाएगी।
सरकार के इस आश्वासन के बाद हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया लेकिन यह भी स्पष्ट कर दिया कि अगर एक महीने में भुगतान नहीं किया गया तो याचिकाकर्ता इंडियन मेडिकल एसोसिएशन फिर से अदालत का दरवाजा खटखटा सकती है।
वहीं एक दूसरी खबर में राज्य भर में पिछले करीब डेढ़ महीने में 65,607 नए मनरेगा जॉब कार्ड (Manrega Job Card News) बनाए गए हैं। जनवरी माह में विभाग की पहली समीक्षा बैठक के दौरान ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने सभी जिला अधिकारियों को आदेश दिया था कि गांवों में अधिक से अधिक कैंप लगाकर जरूरतमंद और छूटे हुए लोगों के मगनरेगा के तहत कार्ड तुरंत बनाए जाएं।
पंचायत मंत्री के इन आदेशों के बाद पंजाब भर के गांवों में 10,533 कैंप लगाकर 65,607 नए जॉब कार्ड बनाए गए हैं। इनमें 2,180 जॉब कार्ड दिव्यांग लोगों के भी शामिल हैं। इस तरह वर्तमान समय में पंजाब में मनरेगा के तहत कुल 12,27,603 जॉब कार्ड चल रहे हैं।
