मध्यप्रदेश:– सिरदर्द की समस्या आम जरूर है, लेकिन पोजिशनल सिरदर्द एक विशिष्ट और कम पहचाना जाने वाला प्रकार है. पोजिशनल सिरदर्द एक गंभीर लेकिन सही इलाज से ठीक होने वाली स्थिति है. इसे हल्के में लेना गलत हो सकता है, खासकर यदि यह बार-बार हो या रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करे.
अगर आपको लगता है कि आपके सिरदर्द में शरीर की मुद्रा के अनुसार फर्क आता है, तो तुरंत किसी न्यूरोलॉजिस्ट या इंटरनल मेडिसिन विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.
पोजिशनल सिरदर्द क्या होता है?
पोजिशनल सिरदर्द
एक ऐसा सिरदर्द होता है जो शरीर की स्थिति बदलने पर शुरू होता है या और ज्यादा तेज हो जाता है.
जैसे लेटने से सिरदर्द शुरू हो जाना.
खड़े होते ही दर्द बढ़ जाना.
सिर ऊँचा या नीचा करने पर दर्द महसूस होना.
यह सिरदर्द शरीर की ग्रेविटी यानी गुरुत्वाकर्षण के प्रति संवेदनशील हो सकता है.
पोजिशनल सिरदर्द के संभावित कारण
स्पाइनल फ्लूइड लीकेज: रीढ़ की हड्डी से निकलने वाला द्रव जब लीक हो जाता है तो ब्रेन को पूरा सपोर्ट नहीं मिल पाता, जिससे सिरदर्द होता है. ये सिरदर्द लेटने पर कम और खड़े होने पर ज्यादा होता है.
इंट्राक्रेनियल प्रेशर में बदलाव: ब्रेन में द्रव का दबाव कम या ज्यादा होने पर पोजिशन बदलने पर दर्द हो सकता है.
यह एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जिसमें ब्रेन का हिस्सा रीढ़ की ओर खिसक जाता है. इससे भी पोजिशनल सिरदर्द हो सकता है.
ब्रेन ट्यूमर या सिस्ट: कुछ मामलों में सिर के अंदर बढ़ने वाले ट्यूमर भी स्थिति बदलने पर दबाव बना सकते हैं.
ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन: खड़े होने पर अचानक ब्लड प्रेशर गिरने से सिरदर्द हो सकता है.
लक्षण कैसे पहचानें?
खड़े होने या बैठने पर दर्द बढ़ना
लेटने पर आराम मिलना
गर्दन में जकड़न
मतली या उल्टी जैसा महसूस होना
थकान या चक्कर आना
धुंधला दिखना
बचाव और उपचार के तरीके
सही निदान जरूरी है – MRI या CT मायलोग्राफी जैसी जांचें करके सही कारण का पता लगाया जा सकता है.
विश्राम और हाइड्रेशन – पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और अधिक आराम करें.
कैफीन का सेवन – कुछ मामलों में कैफीन जैसे कॉफी सिरदर्द को कम कर सकता है.
ब्लड पैच थेरेपी – अगर CSF लीक हो रहा है तो एपिड्यूरल ब्लड पैच ट्रीटमेंट से राहत मिलती है.
दवा और विशेषज्ञ की सलाह – दर्द निवारक दवाएं या अन्य मेडिसिन्स डॉक्टर की सलाह से लें।