रायपुर :- रायपुर सहित पूरे देश में शुक्रवार को रंगों का त्योहार होली का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा. जिसकी तैयारियां भी लोगों ने कर रखी है. गुरुवार को होलिका दहन के बाद रंग उत्सव शुक्रवार को मनाया जाएगा. बदलते परिवेश में लोग रंग गुलाल और केमिकल युक्त रंगों से होली खेलते हैं. जिसकी वजह से इसका सीधा असर त्वचा और आंखों पर पड़ता है. ऐसे में पतंजलि योग समिति के द्वारा वृंदावन में राधा और कृष्ण के द्वारा खेली गई फूलों की होली का आयोजन किया गया.
13 साल से हो रहा आयोजन : पतंजलि योग समिति पिछले 13 सालों से फूलों की होली खेलते आ रहे हैं. फूलों की होली खेलने के पीछे मकसद दिया है कि यह उमंग उत्साह और प्रेम को दर्शाता है इस वजह से हर साल फूलों से होली खेलकर होली के पर्व को सेलिब्रेट करते हैं. पतंजलि योग समिति के सदस्यों में फूलों से होली खेलने को लेकर उत्साह भी देखने को मिला. महिला और पुरुष जमकर होली खेलने के साथ ही फाग गीत पर नाचते गाते थिरकते नजर आए.
फूलों की होली के फायदे : पतंजलि योग समिति की सदस्य सरोज अग्रवाल ने बताया कि “फूलों की होली इसलिए भी खेलना चाहिए कि इससे किसी तरह का कोई एलर्जी नहीं होता. रंग गुलाल और दूसरे केमिकल युक्त रंगों से होली खेलने पर इसका शरीर पर विपरीत असर पड़ता है. पतंजलि योग समिति पिछले कई सालों से फूलों की होली खेलते आ रहे हैं. फूलों की होली खेलने को लेकर लोगों में काफी उत्साह भी दिखाई दे रहा है.
अनुपम गार्डन में फूलों की होली खेली जा रही है और लोगों में जबरदस्त उत्साह भी देखने को मिल रहा है. दूसरे केमिकल युक्त रंग और गुलाल से एलर्जी होती है. जिसकी वजह से पतंजलि योग समिति के सभी लोग होली के ठीक 1 दिन पहले फूलों की होली खेलकर इस होली पर्व को सेलिब्रेट करते हैं. प्राकृतिक चीजों से होली खेलने पर इसका रिएक्शन शरीर पर नहीं होता. फूलों की होली खेलने से फूलों की सुगंध से लोगों के स्वास्थ्य और सेहत भी अच्छा रहता है- वर्षा जैन,सदस्य पतंजलि योग समिति
पतंजलि योग समिति के योग शिक्षक छबिराम साहू ने बताया कि पिछले 13 सालों से पतंजलि योग समिति के द्वारा राजधानी के अनुपम गार्डन में होली के 1 दिन पहले फूलों से होली खेली जाती है. लोगों में इसे लेकर उत्साह भी रहता है.
फूल हमारे जीवन में उमंग और उत्साह लेकर आता है. कांटों के बीच में रहना सिखाता है. फूलों की सुगंध की तरह हमारा जीवन भी महक जाता है. इस वजह से फूलों की होली खेलकर हम होली पर्व को मनाते हैं. भारत देश में रंग गुलाल से होली खेली जाती है, लेकिन प्राचीन समय में वृंदावन में राधा कृष्ण ने फूलों की होली खेलकर होली पर्व को मनाया था- छबिराम साहू, योग शिक्षक पतंजलि योग समिति
फाग गीतों पर जमकर झूमे लोग : होली मिलन समारोह में लोगों ने एक दूसरे को फूलों की होली खेलकर गले मिलकर बधाई दिया. लोगों को एक संदेश भी दिया कि आने वाली युवा पीढ़ी भी इसी तरह केमिकल रहित होली खेले. इस दौरान फाग गीत पर लोग जमकर थिरके.