लखनऊ :- 12 साल की उम्र में संजय से प्यार हुआ। यह पता चलते ही 14 साल की उम्र में घरवालों ने सुनील से मेरी मर्जी के बिना शादी करा दी। फिर संजय की भी दूसरी लड़की से शादी हो गई। मेरे 2 और संजय के 3 बच्चे हुए। इसके बावजूद मेरे और संजय के बीच प्यार कम नहीं हुआ।हम दोनों छिप-छिपकर मिलते रहे। जब यह बात मेरे पति सुनील को पता चली, तो उसने विरोध शुरू कर दिया। करीब 4 साल पहले मैं संजय के साथ भाग गई।घरवालों ने विरोध किया, तो मैंने हाथ की नस काट ली और संजय ने जहर खा लिया। दोनों का इलाज चला और हम बच गए।
इसके बाद फिर मैं अपने पति सुनील के साथ रहने लगी। फिर करीब 2 साल पहले मैं पति और बच्चों को छोड़कर संजय के साथ मुंशी पुलिया के पास किराए के घर में रहने लगी।संजय की पत्नी रानी भी उसे छोड़कर बच्चों के साथ अपने मायके चली गई।15 जून की शाम संजय अपने गांव गया। यह बात न जाने कैसे मेरे पति को पता चल गई। इसके बाद पति और बेटे ने मिलकर संजय की बांके से काट कर हत्या कर दी। सुनील से मैंने कभी दिल से प्यार नहीं किया, उसको यही बात अखरती रही।’
यह कहना है कि रहीमाबाद थाना क्षेत्र के माहिद खेड़ा में 15-16 जून की रात मौत के घाट उतारे गए संजय (35) की प्रेमिका मीरा का।पता चला कि दोनों बिना तलाक लिए किराए के मकान में साथ रहते थे.प्रेमिका का पति और उसका जवान बेटा दिव्यांश यह बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। दोनों बार-बार मीरा को बोटी-बोटी करके मार डालने की धमकी देने लगे। अब दोनों ने प्रेमी संजय को काट डाला.
मृतक के घर में सन्नाटा पसरा
हमलावर से बेटे को बचाने के लिए मां हमलावरों से भिड़ीं सबसे पहले हम रहीमाबाद के हामिद खेड़ा के माजरा मवई कला पहुंचे। यहां संजय के घर में उसकी 70 साल की राम दुलारी गुमसुम बैठी थीं। हमने उनसे कुछ पूछना चाहा, तो रोने लगीं। काफी देर बाद बोलीं- संजय 15 जून की शाम घर आया था। उसकी पंसद की चूल्हे पर रोटी और चटनी बनाई थी।
रात करीब 11 बजे हम लोग सोने के लिए लेटे ही थे कि किसी ने काफी तेज दरवाजा खटखटाया। मैंने दरवाजा खोला, तो गेट पर संजय की प्रेमिका मीरा का पति सुनील और बेटा दिव्यांश खड़ा था। दोनों ने मुझे और बेटे को गालियां देनी शुरू कर दीं। पूछा, संजय कहां है?मां बोली- मेरा गर्दन दबाकर अंदर घुसे रामदुलारी ने कहा- दोनों ने मुझे धक्का देते हुए गर्दन पकड़ ली। संजय को गाली देते हुए अंदर घुस आए। तभी सामने चारपाई पर लेटे संजय ने पूछा कि मां क्या हुआ? मैंने कहा मारने वाले आए हैं, बचाओ। संजय कुछ कर पाता कि दोनों ने उसको पकड़ लिया।
वह किचन की तरफ भागा, जहां उसको गिराकर चाकू और बांके से ताबड़तोड़ वार करना शुरू कर दिया। मैं बेटे को बचाने के लिए दोनों के पैरों में गिर गई, लेकिन वो नहीं माने। बेटे को बचाने में मेरी चूड़ियां टूट गईं.जान बचाने के लिए नाले में छलांग लगाई रामदुलारी ने बताया- मेरे बेटे ने जान बचाने के लिए घर के बाहर दौड़ लगाकर करीब 50 मीटर दूर नाले में छलांग लगा दी। पीछे से वो दोनों भी नाले में कूद गए। जब तक मेरा लाल मर नहीं गया, तब तक पानी में डुबोकर बांके से कई वार किए। चीख-पुकार करते हुए मैं अपने देवर के घर की तरफ भागी।
इसी बीच गांव के लोग जुट गए। लेकिन, तब तक बाप-बेटे भाग गए। रामदुलारी ने बताया- मेरे 3 बेटे राम प्रकाश, राजेंद्र कुमार और कालीचरण अपने परिवार के साथ ठाकुरगंज मरीमाता मंदिर के पास बरौर में रहते हैं।सबसे छोटा चौथे नंबर का बेटा संजय अपनी प्रेमिका मीरा (36) के साथ मुंशी पुलिया के पास किराए के घर में रहता था। उसकी पत्नी रानी 3 बेटों अजीत (10), अनुराग (8) और अतुल (6) के साथ बरौर में मायके में रहती है।
गांव वालों ने नाले में बांस डालकर शव खोजा संजय की हत्या की सूचना गांव में जंगल की आग की तरह फैल गई.देखते ही देखते गांव के सैकड़ों लोग मौके पर इकट्ठे हो गए।ग्रामीणों का कहना हे कि हमारे गांव में कभी बड़ी मारपीट की घटना भी नहीं हुई। इसलिए हत्या होने से पूरा गांव सकते में था।नाले में बांस डालकर संजय के शव को खोजा गया। इस दौरान उसका हाथ ऊपर दिखा,तब शव को बाहर निकाला गया। शव पर निक्कर और फटी बनियान थी। संजय के सिर, कमर, कंधे समेत शरीर के कई हिस्सों पर चाकू और बांके के वार थे। ग्रामीणों की सूचना पर रहीमाबाद पुलिस मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा था।
25 साल का पुराना प्यार खूनी संघर्ष में कैसे बदला
पहले जानिए मीरा और संजय कैसे करीब आए… करीब 25 साल पहले संजय का परिवार गांव से ठाकुरगंज बरौर शिफ्ट हो गया था। उस वक्त संजय की उम्र करीब 11 साल थी। पास में ही मीरा का भी परिवार रहता था। दोनों के बीच दोस्ती हो गई।मीरा का कहना है कि उस वक्त उसकी उम्र करीब 12 साल थी।कुछ महीने में दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों अकेले में मिलने लगे। जल्द ही दोनों के प्यार के बारे में घरवालों को पता चल गया। इसके बाद मां ने जबरदस्ती ताड़ीखाना में रहने वाले सुनील से उसकी शादी करा दी। सुनील लोहे की अलमारी बनाने का काम करता है।
उस वक्त मीरा की उम्र मात्र 14 साल थी। उसकी मर्जी के खिलाफ सुनील से शादी हुई थी। संजय की भी रानी से शादी हाे गई। शादी के बाद भी मीरा चोरी-छिपे संजय से मिलती रही। इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी। इसी बीच बेटे दिव्यांश (अब उसकी उम्र 19 साल है) का जन्म हो गया.घरवाले समझे कि मीरा संजय को भूल गई है। लेकिन, पति को इस बात का पता चल गया, तो उसने मीरा पर पाबंदी लगा दी। इसी बीच बेटी पीहू (अब 12 साल की है) का जन्म हुआ। इसे बाद मीरा प्रेमी संजय के साथ भाग गई।
हत्या के लिए नया चाकू और बांका खरीदा था पुलिस सूत्रों के अनुसार, हत्या के बाद पिता-पुत्र सुनील और दिव्यांश गांव से बाइक से निकले। उन्होंने हत्या के लिए नया चाकू और बांका खरीदा। हत्या करने के बाद भागते समय घटनास्थल के करीब 3 किलोमीटर दूर बेतवा नदी के पास चाकू और बांका फेंक दिया।हत्या की जानकारी होते ही थाना पुलिस ने मौके की पड़ताल के साथ घरवालों की शिकायत पर आरोपी पिता-पुत्र की तलाश शुरू कर दी। 6 घंटे के अंदर ही दोनों को पकड़ भी लिया।